झारखंड : जेल में बंद मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया

रांची, 11 जून (भाषा) झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने राज्य मंत्रिमंडल से और कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

आलम धन शोधन संबंधी एक मामले के सिलसिले में जेल में हैं।

पदाधिकारी ने कहा कि आलम ने रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लिखे एक पत्र में राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा दिया।

आलम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे अन्य पत्र में कहा, ”मैं झारखंड में कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से अपना इस्तीफा देता हूं। विधायक दल के नेता के रूप में कार्य करने का अवसर देने के लिए मैं पार्टी नेतृत्व का हमेशा आभारी रहूंगा।”

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मई को कांग्रेस नेता को धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इससे कुछ दिन पहले ही उनके सहयोगी से जुड़े परिसरों से करीब 32 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी।

राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले सप्ताह आलम को चंपई सोरेन मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने आलम के सभी चार विभागों.. संसदीय कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय का प्रभार अपने हाथों में ले लिया था।

पाकुड़ से विधायक आलम (70) को पिछले महीने केंद्रीय एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया था। धन शोधन मामले की जांच राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

आलम अपने निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) की गिरफ्तारी के बाद ईडी की जांच के दायरे में आए।

छापेमारी के दौरान एजेंसी ने उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की।

मंत्री ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह “कानून का पालन करने वाले” नागरिक हैं। उन्होंने लाल की गतिविधियों से खुद को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी ने अतीत में राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ भी काम किया है।

धन शोधन की जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

ईडी ने कहा था कि मामले में ‘वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं’ के नाम सामने आए हैं और इसकी जांच की जा रही है।