दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति भ्रामक: सौरभ भारद्वाज

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में जल स्थिति पर हुई बैठक के बाद उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी प्रेस बयान ‘भ्रामक’ है और उन्होंने मांग की कि बैठक का वीडियो सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के कार्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिन्होंने दिल्ली के मंत्रियों आतिशी और भारद्वाज से मुलाकात की थी और उन्हें हरियाणा सरकार के साथ जलापूर्ति का मामला उठाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने उन्हें “आरोप-प्रत्यारोप” में न पड़ने तथा मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की सलाह भी दी।

सत्तारूढ़ आप सरकार ने भाजपा शासित हरियाणा पर पिछले कई दिनों से दिल्ली के हिस्से का पानी रोकने का आरोप लगाया है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी अभूतपूर्व गर्मी के बीच गंभीर जल संकट से गुजर रही है।

एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारद्वाज से पूछा गया कि आतिशी और उपराज्यपाल कार्यालय के प्रेस बयान में बताए गए तथ्य अलग-अलग हैं।

भारद्वाज ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बैठक के दौरान हुई चर्चा को प्रेस वक्तव्य में गलत और झूठे तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रेस वक्तव्य काफी भ्रामक है और तथ्यों को गलत रोशनी में पेश करता है।”

उन्होंने दावा किया कि बैठक की कार्यवाही तीन वीडियो कैमरों से रिकॉर्ड की गई।

मंत्री ने कहा, “आपने बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की है। कृपया इसे सार्वजनिक करें। दिल्ली और देश के लोगों को चर्चा देखने दें। कृपया वीडियो सार्वजनिक करें।”

उन्होंने कहा, “लोगों को देखने दीजिए कि मंत्रियों और उपराज्यपाल के बीच क्या चर्चा होती है। वह इसे सार्वजनिक नहीं कर सकते क्योंकि इससे लोगों को उनकी असलियत पता चल जाएगी। इससे साबित होता है कि उपराज्यपाल और उनका कार्यालय भ्रामक प्रेस विज्ञप्तियां जारी करते हैं जो एक आपराधिक कृत्य है।”

भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि जब वह और आतिशी बैठक के लिए उपराज्यपाल सचिवालय पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने उनसे उनके फोन बाहर रखने को कहा।

उन्होंने कहा, “हमसे अपने फोन बाहर रखने को कहा गया और जब हमने सवाल किया तो पुलिसकर्मियों के बीच चर्चा हुई और उन्होंने हमें बैठक में अपने फोन ले जाने की अनुमति दे दी। जब हमने उपराज्यपाल से इस मामले पर बात की तो उन्होंने माफी मांगी और कहा कि कुछ गलतफहमी हो गई होगी।”

बैठक के बाद आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह हरियाणा सरकार से बात करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का 1,050 क्यूसेक पानी मुनक नहर में छोड़ा जाए।

उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सक्सेना ने मंत्रियों को आश्वासन दिया कि वह आपूर्ति का मामला हरियाणा सरकार के समक्ष उठाएंगे और उनसे मानवीय आधार पर अतिरिक्त पानी देने का अनुरोध करेंगे।

सक्सेना ने मंत्रियों को आरोप-प्रत्यारोप से बचने और पानी की बर्बादी रोकने की सलाह भी दी।