बेंगलुरु, नौ जून (भाषा) कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु से एक दर्जन से अधिक सांसदों को रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया तथा दक्षिणी राज्यों में भाजपा के गठबंधन सहयोगियों को भी पुरस्कृत किया गया।
जद (एस) नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी तथा पिछली मंत्रिपरिषद में शामिल रहे भाजपा नेता निर्मला सीतारमण और प्रल्हाद जोशी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने नयी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह में शपथ ली।
पिछली मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और कर्नाटक की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मंत्री रहे वी सोमन्ना ने भी शपथ ली। ये दोनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं।
सीतारमण, कुमारस्वामी और जोशी को जहां कैबिनेट मंत्री बनाया गया, वहीं करंदलाजे और सोमन्ना को राज्य मंत्री बनाया गया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल जद (एस) के कोटे से कुमारस्वामी को मंत्री बनाया गया है, जो कर्नाटक के प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय से संबंध रखते हैं।
कर्नाटक में राजग को 28 लोकसभा सीट में से 19 सीट पर जीत मिली। इनमें भाजपा ने 17 और जद (एस) ने दो तथा राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने नौ सीट पर जीत दर्ज की।
आंध्र प्रदेश से तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के दो सांसदों- के. राममोहन नायडू और चंद्रशेखर पेम्मासानी तथा भाजपा के श्रीनिवास वर्मा को मंत्री बनाया गया। 5,700 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक पेम्मासानी 18वीं लोकसभा में मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले सबसे अमीर मंत्री हैं।
केरल से, राज्य में भाजपा के एकमात्र लोकसभा सदस्य सुरेश गोपी और पार्टी के वरिष्ठ नेता जॉर्ज कुरियन पहली बार मंत्री बने। सांसद नहीं होने के बावजूद कुरियन को मंत्रिपिरषद में शामिल किए जाने को ईसाई समुदाय तक भाजपा की पहुंच की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
तेलंगाना के भाजपा नेता किशन रेड्डी और बंडी संजय कुमार को भी मोदी 3.0 सरकार में शामिल किया गया है।
तमिलनाडु से एल मुरुगन को नयी सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है।