हनी की मम्मी उसे सजा-धजाकर स्कूल भेजती, लेकिन वह रोज कपड़ों पर तरह-तरह के दाग लगाए घर पहुंचता। उसकी मम्मी ने एक बात और देखी कि हनी स्कूल से आने के बाद चुप रहता था। वह परेशान हो गई कि न जाने क्या बात है। उन्होंने एक दिन हनी की टीचर को स्कूल में फोन करके सारी बात बताई। तब पता चला कि लगभग रोज ही उसकी लड़ाई दूसरी क्लास के बंटी से होती है। बंटी भारी भरकम लड़का है और नंबर एक पेटू। वह हनी का टिफिन बॉक्स रोज छीनकर चट कर जाता है। इतना ही नहीं जब हनी उससे गुस्साकर अपना टिफिन वापस लेने की कोशिश करता तो रोज ढिशुम-ढिशुम होती। बंटी ने तो हनी को धमकाया भी था कि उसने अगर अपनी मम्मी को बताया तो वह उसकी और पिटाई करेगा। वह तो अच्छा हुआ कि उसकी मम्मी ने टीचर को बता दिया वरना न जाने हनी, बंटी की शैतानी और कितने दिन तक सहन करता। जब हनी की प्रॉब्लम साल्व हो गई तो उसकी टीचर ने सभी बच्चों को हिदायत दी। उन्होंने कुछ सीखें दीं, ताकि किसी भी बच्चे को बंटी जैसे बच्चे की शैतानी का शिकार न होना पड़े उन्होंने बताया- – ऐसे लोगों से निपटने के लिए खुद कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। – अगर तुम्हारे साथ स्कूल में कोई ऐसा करता है तो उसकी शिकायत फौरन अपने टीचर से करो। – घर में अपने माता-पिता से भी अपनी समस्या कहना न भूलना। अगर रोज कोई तुमसे मारपीट के बहाने ढूंढऩे की कोशिश करता है तो अकेले मत रहो और अकेली जगह पर मत बैठो। और सबसे बड़ी इस बात का ध्यान रखो कि अक्ल से ताकतवर दुनिया में कुछ नहीं इसलिए ऐसे सताने वाले साथियों को अपनी अक्ल का इस्तेमाल करके मजा चखाओ, यानी मैडम से जरूर कहो।