नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) दिल्ली में एक भी लोकसभा सीट जीतने में विफल रही सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के लिए राहत की बात यह रही कि इस बार के चुनाव में उसके मत प्रतिशत में 2019 के चुनावों की तुलना में लगभग छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि सातों सीटों पर विजयी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का यह आंकड़ा पिछले चुनावों की तुलना में दो प्रतिशत गिर गया।
कांग्रेस ने दिल्ली में तीन सीट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत पाई और 2019 के चुनाव की तुलना में उसका मत प्रतिशत तीन अंक से अधिक घट गया।
भाजपा को 54.35 प्रतिशत मत मिले और उसने लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीट कब्जा जमाया। वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 56.7 प्रतिशत और 2014 में 46.6 प्रतिशत था।
पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, नयी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ने वाली ‘आप’ एक भी सीट नहीं जीत सकी। हालांकि, 2019 के चुनावों में 18.2 की तुलना में उसने 24.17 प्रतिशत मत हासिल किए। वर्ष 2014 के आम चुनावों में ‘आप’ का मत प्रतिशत 33.1 था, लेकिन वह सभी सात सीट हार गई थी।
इस बार विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के सहयोगी आप और कांग्रेस ने सीट बंटवारे के तहत भाजपा को सीधी टक्कर दी। कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक सीट पर चुनाव लड़ा और तीनों सीटों पर हार गई।
कांग्रेस को 18.94 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 2019 के चुनावों में यह आंकड़ा 22.6 प्रतिशत था। हालांकि, यह 2014 के चुनावों में पार्टी के मत प्रतिशत 15.2 से अधिक था।