मुंबई, तीन जून (भाषा) करोड़ों डॉलर के घोटालों में शामिल नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे उद्यमी इसलिए देश छोड़कर जाने में सफल रहे क्योंकि जांच एजेंसियां उन्हें सही समय पर गिरफ्तार नहीं कर पाईं। यहां एक विशेष अदालत ने हाल में यह बात कही।
विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत निरुद्ध एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की जिसने अपनी जमानत शर्तों में बदलाव का अनुरोध किया था।
अदालत ने धनशोधन मामले में आरोपी व्योमेश शाह की इस याचिका को 29 मई को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था जिसमें उसने अनुरोध किया था कि विदेश यात्रा के लिए अदालत की पूर्व अनुमति लेने की जमानत की शर्त को हटाया जाए।
विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध कराया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दलील दी थी कि शाह की अर्जी को स्वीकार करने से नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी के मामलों जैसी परिस्थितियां पैदा होंगी।
इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैंने सोच-समझकर इस दलील पर विचार किया और मुझे यह बात सामने रखना जरूरी लगता है कि ये सभी लोग, सही समय पर इन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाने में संबंधित जांच एजेंसियों की नाकामी की वजह से भागे।’’
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत शाह समन पर अदालत में पेश हुए, जमानत हासिल की और उन्होंने विदेश यात्रा के लिए कई बार आवेदन किया।
अदालत ने कहा कि शाह के मामले की तुलना नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी आदि के मामलों से नहीं की जा सकती।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। नीरव इस समय ब्रिटेन की एक जेल में सजा काट रहा है, वहीं चोकसी एंटीगुआ में रहता है।
माल्या भी 900 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज धोखाधड़ी मामले में आरोपी है और ब्रिटेन में है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण अभिकरण कर रहे हैं।