मोहन भागवत ने अहिल्याबाई होल्कर को उनकी 300 वीं जयंती पर याद किया

नयी दिल्ली,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक (प्रमुख) मोहन भागवत ने शुक्रवार को रानी अहिल्याबाई होल्कर को उनकी 300 वीं जयंती पर याद करते हुए कहा कि वह एक आदर्श शासक थीं जिन्होंने सुशासन प्रदान किया और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया।

वीडियो के माध्यम से जारी एक बयान में, भागवत ने कहा कि एक रानी होने के बावजूद वह सादा जीवन जीती थीं और कमजोरों एवं पिछड़ों की परवाह करती थीं।

उन्होंने कहा, ”यह वर्ष पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी (तीन सौवां साल) का वर्ष है।”

उन्होंने कहा कि ‘पुण्यश्लोक’ की उपाधि उन शासकों को दी जाती है जो अपनी प्रजा को सभी प्रकार के अभावों और दुखों से मुक्त कराते हैं।

सरसंघचालक ने कहा, “वह विधवा थीं। अकेली महिला होने के बावजूद, उन्होंने न केवल अपने बड़े साम्राज्य का प्रबंधन किया, बल्कि उसे और भी बड़ा बनाया एवं सुशासन प्रदान किया।”

उन्होंने कहा, वास्तव में, वह अपने समय की आदर्श शासकों में से एक थीं। उन्होंने उन्हें महिलाओं की क्षमताओं का प्रतीक बताया।

भागवत ने होल्कर द्वारा अपनी प्रजा को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योगों पर बल देने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ उन्होंने इतने अच्छे तरह से उनका (उद्योगों का) निर्माण किया कि महेश्वर कपड़ा उद्योग आज भी चल रहा है। यह कई लोगों को रोजगार प्रदान करता है।’’

मार्च में नागपुर में आयोजित अपनी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में, आरएसएस ने घोषणा की थी कि वह होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित करेगा।

भागवत ने कहा, “इस पूरे साल उन्हें याद करने के लिए हर जगह प्रयास किए जाएंगे। यह बहुत खुशी की बात है। मैं इस तरह के प्रयास के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”