नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी प्रवाह 2023-24 में 3.49 प्रतिशत घटकर 44.42 अरब डॉलर रह गया। सेवा, कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, मोटर वाहन और औषधि जैसे क्षेत्रों में कम निवेश के कारण यह गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में एफडीआई प्रवाह 46.03 अरब अमेरिकी डॉलर था।
हालांकि, वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में प्रवाह 33.4 प्रतिशत बढ़कर 12.38 अरब अमरीकी डॉलर हो गया। 2022-23 की इसी तिमाही में यह 9.28 अरब अमरीकी डॉलर था।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, कुल एफडीआई 2023-24 में मामूली रूप से एक प्रतिशत घटकर 70.95 अरब अमरीकी डॉलर रहा, जबकि 2022-23 में यह 71.35 अरब अमरीकी डॉलर था।
कुल एफडीआई में इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल है।
एफडीआई प्रवाह वित्त वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक 84.83 अरब अमरीकी डॉलर था।
वित्त वर्ष 2023-24 में मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केमैन द्वीप, जर्मनी और साइप्रस सहित प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में कमी आई। हालांकि, नीदरलैंड और जापान से निवेश में वृद्धि हुई है।