एक्सप्रेशन अर्थात् हमारे शरीर या चेहरे की वह भाव-भंगिमाएं है जो हमारे भावों को बिना कहे ही सरलता से स्पष्ट कर देती है या आसान शब्दों में कहें तो वह भाव जो हम शब्दों के माध्यम से व्यक्त नहीं कर पाते, उसे अपने चेहरे की भाव-भंगिमा से सहज रूप से व्यक्त कर देते हैं, जिसे हम चेहरे का एक्सप्रेशन कहते हैं। एक्सप्रेशन के उदाहरण के रूप में हमारा गुस्सा करना, माथे पर बल डालना, नाक भौंहे सिकोडऩा, मुंह बिचकाना, आंखें नटेरना, मुंह बनाना या मुंह बिचकाना आदि जैसी असंख्य ऐसी भाव भंगिमाएं है, जो वक्ती तो अवश्य होती है मगर स्वभाव में सम्मिलित हो जाने पर धीरे-धीरे चेहरे पर लकीरों के रूप में स्थाई बनती चली जाती है। आपके चेहरे के अच्छे और बुरे एक्सप्रेशन आपको सुन्दर और असुन्दर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए बहुत आवश्यक है कि आप अपने चेहरे की भाव-भंगिमाओं पर विशेष ध्यान दे। अगर आप की कोई भी आदत ऐसी है जिसके कारण चेहरे पर प्रभाव पड़ता है तो उसे तत्काल छोडऩे का प्रयास करें, इसके लिए आप आईने का सहारा ले सकती हैं। विभिन्न भावों के चेहरे जब आपको आईने में नजर आएंगे तब आपको स्वयं ही ज्ञात हो जायेगा कि ऐसा भाव करने से चेहरा कैसा लगता है, तो निश्चित रूप से आपकी आदत छूट जायेगी। खराब एक्सप्रेशन जहां आपके सौन्दर्य को अनाकर्षक बनाते हैं वहीं आपके व्यक्तित्व की भी गलत छवि प्रस्तुत करते हैं इसलिए यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप अपने चेहरे को कौन से भावों से सजाते हैं? हंसते मुसकुराते चेहरे जहां देखने में अच्छे लगते हैं वहीं यह आपके व्यक्तित्व को निखारने और उसे सम्पूर्णता प्रदान करने में भी भूमिका निभाते हैं। हर परिस्थिति में आपका खुश रहने का स्वभाव जहां आपके चेहरे के भावों को सुन्दर और आकर्षक बनाता है वहीं गुस्सैल और असंतुष्ट, नकारात्मक लोगों के चेहरे के भाव उन्हें असुन्दर और अनाकर्षक बनाते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने चेहरे के एक्सप्रेशन कैसे रखना पसंद करते हैं।