लोकसभा चुनाव: बठिंडा सीट पर कांटे की टक्कर, चौथी बार चुनाव लड़ रहीं हरसिमरत कौर

चंडीगढ़,  तीन बार की सांसद और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल बठिंडा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में हैं और वह अपनी उपलब्धियों के तौर पर क्षेत्र में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना और अन्य परियोजनाओं का जिक्र कर रही हैं।

हरसिमरत अपने दिवंगत ससुर और पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का जिक्र करते हुए मतदाताओं को याद दिला रही हैं कि वह उनकी परेशानियों का समाधान करने के लिए उनके बीच रहते थे।

बठिंडा संसदीय क्षेत्र में एक जून को मतदान होना है। इस निर्वाचन क्षेत्र को शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता है और पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत 2009 से इस सीट पर जीत हासिल कर रही हैं।

इसबार भी वे बठिंडा सीट को बरकरार रखना चाहती हैं।

अकाली दल की सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी इस बार बठिंडा संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार उतारा है।

हरसिमरत का मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार और राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, भाजपा उम्मीदवार और पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू, कांग्रेस उम्मीदवार जीत मोहिंदर सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार लाखा सिधाना से है।

हरसिमरत (57) ने 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह को 1.20 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था।

लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होंने अपने पति के चचेरे भाई मनप्रीत सिंह बादल को 19,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था। लोकसभा चुनाव 2019 में हरसिमरत ने कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग को 21,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया।

अपने निर्वाचन क्षेत्र के संगत मंडी में अपने हालिया चुनाव अभियान के दौरान हरसिमरत ने पूर्ववर्ती शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के बारे में बात की। उन्होंने कांग्रेस और आप पर विकास कार्य नहीं कराने को लेकर निशाना साधा।

उन्होंने लोगों से कहा कि वे काम के आधार पर वोट दें और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के “झूठे वादों” से प्रभावित न हों।

अपने निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाएं लाने पर हरसिमरत ने कहा, “जब आपने (लोगों ने) मुझे पहली बार सांसद बनाया तो एक बड़ा ‘कारखाना’ (बठिंडा रिफाइनरी) आया। आपने मुझे दूसरी बार मौका दिया तो बठिंडा में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बना। जब आपने मुझे तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया तो पंजाब का सबसे बड़ा अस्पताल एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) यहां लाया गया।

उन्होंने बठिंडा में शताब्दी ट्रेन सेवा शुरू करने, घरेलू हवाई अड्डा और सड़कों का जाल बिछाने के बारे में भी बात की।

विरोधी दलों पर हमला करते हुए सांसद ने कहा कि पिछले सात वर्षों (कांग्रेस के पांच साल और आप के दो साल) के दौरान पंजाब में कोई विकास नहीं हुआ।