चौथी तिमाही में 6.1-6.7 प्रतिशत रहेगी आर्थिक वृद्धि दर : अर्थशास्त्री
Focus News 26 May 2024नयी दिल्ली, बीते वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.1 से 6.7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। यह इससे पिछली तिमाहियों में दर्ज आठ प्रतिशत की वृद्धि दर से कम है। विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान लगाया है।
सरकार चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और पूरे वित्त वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान 31 मई को जारी करेगी।
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में वृद्धि दर 7.6-7.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 की जून तिमाही में 8.2 प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 8.1 प्रतिशत और दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि मुख्य आंकड़े व्यापक रूप से मजबूत वृद्धि का संकेत देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘विनिर्माण गतिविधियां भी अच्छी रही हैं, और निर्माण से जुड़े और निवेश क्षेत्रों का प्रदर्शन भी बेहतर रहना चाहिए। हालांकि, कृषि क्षेत्र की वृद्धि धीमी पड़ सकती है। हमारा अनुमान है कि चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहेगी और पूरे वित्त वर्ष के लिए यह आंकड़ा 7.6 प्रतिशत के करीब रहेगा।’’ 31 मई, 2023 को जारी अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए यह आंकड़ा सात प्रतिशत था।
भारद्वाज ने कहा, ‘‘हम सेवा क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में कुछ नरमी देख रहे हैं। यही कारण है कि चौथी तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 5.7 प्रतिशत और जीडीपी वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।’’
जीडीपी एक निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है। वहीं जीडीपी में शुद्ध करों (कुल कर संग्रह में से सब्सिडी हटाकर) को हटाने पर जीवीए निकलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक चालू वित्त वर्ष (2024-25) का सवाल है, कोटक महिंद्रा बैंक को उम्मीद है कि वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, इसके ऊपर की ओर जाने की गुंजाइश है।’’
भारद्वाज ने कहा कि ग्रामीण खपत में तेजी आने की संभावना है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, निर्यात काफी अच्छा बना हुआ है। हमने निर्यात पर मांग में किसी भी वैश्विक व्यवधान का बहुत अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिला है। हालांकि, आगे चलकर इसका कुछ प्रभाव दिखने की उम्मीद है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां वृद्धि को झटका लगने की आशंका है।’’
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संस्थान दोनों 2024-25 में भारत के लिए सात प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जता रहे हैं।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर संभवत: 6.5 प्रतिशत से अधिक रहेगी। ऐसे में पूरे वित्त वर्ष के लिए यह आंकड़ा 7.8 प्रतिशत रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का अनुमान भी यही है।’’
एक अन्य रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का अनुमान है कि 2023-24 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहेगी।
घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को कहा था कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर चार तिमाहियों के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत पर आ जाएगी।