नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) देश के विभिन्न हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से बिजली की अधिकतम मांग बृहस्पतिवार को 236.59 गीगावाट पर पहुंच गई जो इस मौसम में सबसे अधिक है।
गर्मी से राहत के लिए घरों एवं दफ्तरों में एयर कंडीशनर और कूलर का इस्तेमाल बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ रही है।
बिजली मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिजली की अधिकतम मांग या दिन में सबसे अधिक आपूर्ति बृहस्पतिवार को 236.59 गीगावाट दर्ज की गई, जो इस साल गर्मी के मौसम में सबसे अधिक है।
इससे पहले बुधवार यानी 22 मई को बिजली की अधिकतम मांग इस सत्र में 235.06 गीगावाट के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
अब तक का सर्वाधिक बिजली खपत रिकॉर्ड सितंबर, 2023 में 243.27 गीगावाट का है। लेकिन इस साल पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए यह रिकॉर्ड टूटने की संभावना है। बिजली मंत्रालय ने इस साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान जताया है।
इस महीने की शुरुआत में, बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट की बिजली मांग रहने का अनुमान जताया था। वहीं, जून के महीने में बिजली की खपत दिन में 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट रहने का अनुमान है।
आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल, 2024 में गर्मी का मौसम शुरू होने के बीच अधिकतम बिजली की मांग 224.18 गीगावाट थी। वहीं मार्च में यह 221.82 गीगावाट, फरवरी में 222.16 गीगावाट और जनवरी में 223.51 गीगावाट रही थी।
मई के दौरान अधिकतम आपूर्ति छह मई को 233 गीगावाट और 21 मई को 233.80 गीगावाट तक पहुंच गई। पिछले साल मई में यह 221.42 गीगावाट दर्ज की गई थी।
पिछले सप्ताह 18 मई को बिजली की अधिकतम आपूर्ति 229.57 गीगावाट तक पहुंच गई, जबकि 15, 16 और 17 मई को यह लगभग 226 गीगावाट थी। चार मई को अधिकतम आपूर्ति 229.77 गीगावाट और 20 मई को 228.71 गीगावाट थी।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली की मांग सितंबर 2023 में दर्ज 243.27 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर को पार करने की दिशा में जा सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि भारत में इस साल अधिक गर्मी और अधिक लू वाले दिन देखने को मिलेंगे। इसके लिए जिम्मेदार अल नीनो की स्थिति मई तक जारी रहने का अनुमान जताया गया है।