पैरालंपिक चैंपियन सुमित अंतिल ने एफ64 भाला फेंक विश्व खिताब का बचाव किया

कोबे (जापान), 21 मई (भाषा) गत पैरालंपिक चैंपियन सुमित अंतिल ने मंगलवार को यहां एफ64 भाला फेंक स्पर्धा में अपना विश्व खिताब बरकरार रखा जबकि थंगावेलु मरियप्पन और एकता भयान ने भी क्रमश: ऊंची कूद और क्लब थ्रो में स्वर्ण पदक जीते जिससे भारत विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर पहुंच गया।

पांचवें दिन पांच पदक जीतने वाले भारत के कुल 10 पदक हो गए हैं जिसमें चार स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं। भारत अभी चीन (15 स्वर्ण, 13 रजत और 13 कांस्य) और ब्राजील (14 स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य) के बाद तीसरे स्थान पर चल रहा है।

तोक्यो पैरालंपिक और 2023 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित ने भाले को 69.50 मीटर की दूरी तक फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

हरियाणा के 25 साल के सुमित ने इस तरह एफ64 भाला फेंक स्पर्धा में अपना वैश्विक वर्चस्व जारी रखा। उन्होंने पिछले साल चीन के हांगझोउ में पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान 73.29 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का 70.83 मीटर का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है जो उन्होंने 2023 में पेरिस में पिछले सत्र में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान बनाया था।

सुमित के हमवतन संदीप ने इसी स्पर्धा में 60.41 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता जबकि श्रीलंका के दुलान कोडिथुवाकु ने 66.49 मीटर के प्रयास से रजत पदक जीता।

सुमित ने नौ खिलाड़ियों के बीच पूरे मुकाबले के दौरान बढ़त बनाए रखी। उन्होंने 68.17 मीटर के प्रयास के साथ शुरुआत की और फिर अपने दूसरे प्रयास में 69.50 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने अगले चार प्रयास में भाले को क्रमश: 64.04 मीटर, 65.58 मीटर, 69.03 मीटर और 68.08 मीटर की दूरी तक फेंका।

सोनीपत के सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन 2015 में जब वह 17 साल के थे तब ट्यूशन से घर लौटते समय उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। नतीजतन उनका बायां पैर काटना पड़ा और उन्हें पहलवान बनने का सपना छोड़ना पड़ा।

तोक्यो पैरालंपिक के रजत पदक विजेता मरियप्पन ने इसके बाद 1.88 मीटर के चैंपियनशिप रिकॉर्ड के साथ टी63 ऊंची कूद में स्वर्ण पदक हासिल किया। यह किसी बड़ी प्रतियोगिता में आठ साल में उनका पहला स्वर्ण पदक है।

अमेरिका के एजरा फ्रेच और सैम ग्रेव ने 1.85 मीटर और 1.82 मीटर के प्रयास के साथ क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।

पांच वर्ष की आयु में मरियप्पन को अपने दाहिने पैर में स्थायी दिव्यांगता का सामना करना पड़ा जब स्कूल जाते समय शराब के नशे में एक बस चालक ने उनका पैर कुचल दिया।

इससे पहले एकता ने महिला एफ51 क्लब थ्रो में 20.12 के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता। इसी स्पर्धा में भारत की कशिश लाकड़ा ने 14.56 मीटर के थ्रो से रजत पदक अपने नाम किया।

हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अधिकारी एकता ने हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक जीता था।

एकता मेडिसिन के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती थी लेकिन 2003 में एक दुर्घटना ने उनके सपने को तोड़ दिया। यह दुर्घटना सोनीपत जिले के कुंडली के पास हुई जब दिल्ली-हरियाणा सीमा पर एक ट्रक उनकी कैब पर पलट गया। एकता को रीढ़ की हड्डी में चोट लगी और वह व्हीलचेयर की सहायता लेती हैं। दुर्घटना में छह अन्य छात्रों की मौत हो गई थी।