हमने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था, इस पर कायम रहेंगे: मोदी

भुवनेश्वर, 20 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार ने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का ‘पवित्र वादा’ किया है और वह इस पर कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र इस बाबत सही परिस्थितियां बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

श्रीनगर में रिकॉर्ड मतदान को अपने कार्यकाल में देखी गई ‘सबसे संतुष्टिदायक चीजों’ में से एक बताते हुए मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने क्षेत्र में लोकतंत्र को बढ़ाने के लिए राजग सरकार की प्रतिबद्धता को देखा है, ‘भले ही हमें इसके लिए सत्ता छोड़नी पड़ी हो।’

मोदी ने रविवार रात यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का पवित्र वादा किया है और हम इस पर कायम हैं। हम सही परिस्थितियां बनाने के लिए परिश्रम कर रहे हैं ताकि यह काम तेजी से किया जा सके।’’

मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त कर दिया था जो जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देते थे। सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के माध्यम से हमने न केवल जम्मू कश्मीर की जनता के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा होते हुए बल्कि किसी भी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़े उत्सवों में शामिल चुनाव में भाग लेने के उनके उत्साह को भी देखा है।’’

मोदी ने कहा कि एक समय हर तरह के चरमपंथी तत्वों का केंद्र रहे श्रीनगर में कई सालों बाद सर्वाधिक मतदान हुआ है।

श्रीनगर में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को 36.7 प्रतिशत मतदान हुआ जो 1996 के बाद से सर्वाधिक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने जी20 के समारोहों के दौरान दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करने में जम्मू कश्मीर के लोगों का उत्साह देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर ने जो प्रगति की है, उससे मुझे बहुत उम्मीद है कि हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सही रास्ते पर हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हम ऐसा जम्मू कश्मीर बनाना चाहते हैं जहां हिंसा की बात इतिहास बन जाए और समृद्धि ही नियति बन जाए। यह कश्मीर के लिए हमारी दीर्घकालिक रणनीति है। हमारी आकांक्षा है कि जम्मू कश्मीर को संस्कृति, ज्ञान और पर्यटन के केंद्र के रूप में उसका दर्जा फिर से मिले और वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी भावी प्रौद्योगिकियों का केंद्र बने।’’

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के लिए एक तारीख तय की है और निर्वाचन आयोग शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और वही सबसे अच्छे तरीके से आकलन कर सकता है कि विधानसभा चुनाव कब और कैसे होंगे।

शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2023 में निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि जम्मू कश्मीर में 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव कराये जाएं।

अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव में अधिक मतदान को लेकर अपने आकलन के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद ने अगस्त 2019 में इस प्रावधान को समाप्त करने पर अपनी मुहर लगाई थी और लोगों ने 2019 में ही और उसके बाद भी दंगों की भविष्यवाणियों को धता बताते हुए और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में मदद करते हुए अपनी स्वीकृति दे दी थी।

उन्होंने कहा कि फिर दिसंबर 2023 में उच्चतम न्यायालय ने संविधान पीठ के एक सर्वसम्मत फैसले के साथ अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले पर न्यायिक मुहर लगा दी।

मोदी ने कहा कि देश में भाजपा संभवत: इकलौती पार्टी है जो सरकार से बाहर हो गई ताकि लोगों को और अधिकार मिल सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘और हमने जम्मू कश्मीर में दिसंबर 2018 में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराकर हमारी प्रतिबद्धता को पूरा किया।’’

भाजपा ने जून 2018 में जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई थी।

मोदी ने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने उन्हें भारतीय लोकतंत्र की मुख्यधारा में लाने की उनकी सरकार की ईमानदार मंशा को और सतत प्रयासों को देखा है और उन्होंने इस शांतिपूर्ण, उच्च मतदान से इन कदमों का समर्थन किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संशय नहीं है कि जम्मू कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल है और क्षेत्र लोकतांत्रिक सशक्तीकरण तथा आकांक्षाओं का प्रकाशस्तंभ है।’’

यह पूछे जाने पर कि जम्मू कश्मीर की हालिया स्थिति क्षेत्र के लिए सरकार की दीर्घकालिक रणनीति के साथ कैसे मेल खाती है, प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, 1947 से, संघर्षपूर्ण अर्थव्यवस्था का शिकार रहा है, जहां हितधारक कुछ राजनेता थे, जिनमें से कई अपने निजी एजेंडे या बाहरी ताकतों के लिए काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘लगभग सात दशक तक, जम्मू कश्मीर के लोगों को विकास, प्रगति और समृद्धि के अधिकार से वंचित रखा गया क्योंकि भारत में कुछ परिवार और बाहर उनके आका, अपने अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लोगों का उपयोग करना चाहते थे। यह उन निर्दोष परिवारों की पीढ़ियों के लिए एक अपूरणीय क्षति थी जो संघर्ष में फंस गए थे।’’

मोदी ने कहा कि 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से उनका एजेंडा बिल्कुल साफ रहा है- सभी के लिए विकास, सभी के लिए अवसर, सभी के लिए समृद्धि।

उन्होंने कहा कि 70 साल तक संघर्ष रहा, लेकिन 70 साल तक सभी क्षेत्रों तक हर मौसम में पहुंचने के लिए सड़कें नहीं थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘पर्वतीय क्षेत्रों के आदिवासियों या क्षेत्र के युवाओं के संघर्ष के बारे में सोचिए, जिन्हें बाकी देश के युवाओं की तरह कोई आकांक्षी रोजगार नहीं मिल पाते थे। हम इस प्रवृत्ति को खासकर 2019 के बाद बदलने में कामयाब रहे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन से लेकर शिक्षा तक, खेल से कृषि तक, उत्पादन से कृषि उत्पादक संगठनों तक और स्व-सहायता समूहों से उद्यमिता तक सरकार क्षेत्र में ही हर चीज के लिए परिवेश बनाना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी रणनीति सफल साबित हो रही है। आप डल झील पर नियमित होने वाले कुछ आयोजनों को ही देख लें। मैं देखकर अभिभूत हो गया कि फॉर्मूला-4 के एक आयोजन में इतनी भीड़ आई। जब हम डर को उम्मीद से बदलते हैं तो हम निराशा को आकांक्षा में बदलते हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमने यही किया है और इस परिवर्तन का प्रभाव न केवल इस क्षेत्र में, बल्कि पूरे भारत में सकारात्मक बदलाव लाएगा। लोगों के बीच इस शांति और आशावाद ने आतंकवादियों और हमारे पड़ोसी देश में उनके प्रायोजकों को परेशान कर दिया है।’’