‘हीरामंडी’ के दमदार किरदार में ऋचा चड्ढा

संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज ‘हीरामंडी’1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज के लिए तैयार है। इस सीरीज में सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, संजीदा शेख से लेकर ऋचा चड्ढा और मनीषा कोइराला एक से बढ़कर एक एक्‍ट्रेस शानदार किरदार निभाती नजर आएंगी।

   ‘हीरामंडी’, भारत के स्‍वतंत्रता के पूर्व तवायफों की तीन पीढ़यों की कहानी पर आधारित है। इस सीरीज में मनीषा कोइराला ‘मल्लिकाजान’ के रोल में नजर आएंगी तो शर्मिन सेहगल ‘आलमजेब’ के किरदार में हैं।

‘हीरामंडी’ में ऋचा चड्ढा ने वेश्या ‘लज्जो’ का किरदार निभाया है। उनका यह किरदार ‘पाकीज़ा’  की मीनाकुमारी से प्रेरित बताया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि सीरीज में उनका किरदार सबसे ज्‍यादा दमदार भी है।  

ऋचा चड्ढा, मौजूदा दौर की अकेली ऐसी एक्ट्रेस हैं जो मसाला और कला सिनेमा के साथ वेब सिरीज, ‘द लाइफ इन टेलिंग’ जैसी शॉर्ट फिल्मों सहित कई माध्यमों में काम कर रही हैं।

ऋचा चड्ढा ने कुछ म्यूजिक वीडियो भी किए, उनका एक म्यूजिक वीडियो ’वाना वी फ्री’ काफी लोकप्रिय हुआ था। उन्होंने एक पंजाबी सिंगल ’गावंदी’ भी किया है। ’शकीला की बायोपिक’  के लिए खुद की आवाज में एक गीत गाया ।

एक बेहतरीन अदाकारा के रूप में स्‍थापित हो चुकी ऋचा चड्ढा घर घर में पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने यह सफर अपनी दम पर, बिना किसी गॉडफादर के तय किया । इस पोजीशन के लिए उन्‍होंने काफी संघर्ष किया है। उनके टेलेंट के कारण ही आज उनकी झोली ढेर सारे अच्‍छे और दिलचस्प ऑफर्स से भरी है। ऋचा बहुत मेहनती हैं और अपने काम पर जमकर मेहनत करती हैं।

कैरियर की शुरूआत से ऋचा चड्ढा जिस तरह के किरदार करती आ रही हैं, उनके काम को देखते हुए यह साफ हो जाता है कि उन्हें बोल्ड सीन करने में जरा भी संकोच नहीं है। ऋचा जिस तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार और फिल्में चुन रही हैं उस पर हर किसी को हैरानी होती है।

18 दिसंबर 1986 को अमृतसर के पंजाब में पैदा हुई, ऋचा दिल्ली में पली बढ़ी। ऋचा के पेरेंट्स उन्हें जर्नलिस्ट बनाना चाहते थे. उनकी ख्‍वाहिश को पूरा करने की खातिर ऋचा ने सोशल मीडिया में पीजी डिप्लोमा भी किया लेकिन किस्मत ने उन्हें पत्रकार की जगह एक्‍ट्रेस बना दिया।

मुंबई आकर ऋचा ने सबसे पहले मॉडलिंग से शुरुआत की और उसके बाद वह धीरे-धीरे वो थिएटर से जुड़ गईं। उसके बाद कहीं जाकर उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई।  

कहते हैं कि ऋचा अपने गुरू बैरी जॉन के डायरेक्‍शन में एक नाटक ‘बगदाद का गुलाम’ कर रही थी। उस दौरान जब डायरेक्टर कनु बहल एक दर्शक के रूप ऋचा के काम से बहुत प्रभावित हुए। उनके कारण ही ऋचा को दिबाकर बनर्जी की ’ओय लकी ओय’ (2008) मिली जिसके द्वारा   उन्‍होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा।

उसके बाद ’गैंग्स ऑफ वासेपुर 1’ (2008) ’गैंग्स ऑफ वासेपुर 2’ (2008) में नगमा खातून का बेहद शानदार किरदार निभाकर अपनी पहचान स्थापित की। इस फ्रेंचाइजी ने ऋचा की जिंदगी ही बदल दी। उसके बाद  ऋचा को मुड़कर पीछे देखने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ी।

ऋचा अपने अब तक के करियर में ‘मैं और चार्ल्स’, ‘चॉक एन डस्टर’, ‘मसान’, ‘सरबजीत’, ‘जिया और जिया’ ,‘फुकरे फ्रेंचाइजी’ ,‘दास देव’, ‘लव सोनिया’ ‘इश्करिया’ ,‘पंगा’ ,’शकीला’ और ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ जैसी न जाने कितनी ही फिल्‍मों में दमदार किरदार निभा चुकी है।

 ‘फुकरे’ फ्रेंचाइजी की पहली फिल्‍म करते वक्‍त ने ऋचा की मुलाकात अली फजल से हुई और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। उसके बाद हाल ही में यह कपल शादी के बंधन में बंध चुका है।