ओडिशा के लोगों ने बदलाव का मन बना लिया है, बीजद के लिए टिके रहना मुश्किल है: मोदी

भुवनेश्वर, 20 मई (भाषा) ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के खिलाफ सत्ता विरोधी बहुत मजबूत लहर देख रहे हैं जिसके कारण इस क्षेत्रीय दल के लिए टिके रहना अब बहुत मुश्किल है।

चुनाव प्रचार के लिए पूर्वी राज्य आए मोदी ने रविवार रात एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि लोगों ने ओडिशा में बदलाव का मन बना लिया है।

ओडिशा में संसदीय चुनावों के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र में सरकार चुनने के लिए लोग भाजपा को वोट देंगे जबकि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के कारण समाज का एक वर्ग बीजद के विरोध में मतदान करेगा।

भाजपा के पास पटनायक जैसा कोई लोकप्रिय चेहरा नहीं होने और इसका असर पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर पड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जनता के विश्वास के दम पर हम चुनाव जीतेंगे। भले ही हमारे पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है, इसके बावजूद हम विधानसभा में दूसरा सबसे बड़ा दल हैं। लोकसभा चुनाव में भी हम (राज्य में) दूसरे स्थान पर रहे है। मेरे दल ने दूसरे स्थान से पहले स्थान पर पहुंचने के लिए पिछले पांच में बहुत मेहनत की है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अपनी रैलियों में देख रहा हूं कि राज्य सरकार के खिलाफ नकारात्मक भावना बहुत अधिक है, इसलिए बीजद के लिए टिके रहना बहुत मुश्किल है।’’

लोकसभा चुनाव में अलग-अलग लड़ने का फैसला करने से पहले दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत होने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनावों में बीजद के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में लोगों ने भाजपा का बड़े पैमाने पर समर्थन किया था।

बीजद की ओर से संसद में कई मुद्दों पर सरकार का समर्थन किए जाने से संबंधित एक सवाल पर मोदी ने कहा कि बीजद उन कई दलों में से एक है जो समय-समय पर राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर उनकी सरकार का समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी प्रतिबद्धता है कि भाजपा का जो भी नेता ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री बनेगा वह राज्य की माटी का बेटा होगा। राज्य के लोगों ने बीजद को दो दशक से अधिक का समय दिया है और अब वे एक बेहतर विकल्प के हकदार हैं।’’

ओडिशा में 2019 में भाजपा की लोकसभा सीट की संख्या एक से बढ़कर आठ हो गई थी। ओडिशा में लोकसभा की 21 सीट हैं।

भाजपा राज्य की राजनीति में बीजद के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है जबकि किसी समय शक्तिशाली रही कांग्रेस संघर्ष के दौर से गुजर रही है।