नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने बीते वित्त वर्ष में कुल कारोबार तथा जमा जुटाने के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज की है। बीओएम ने यह वृद्धि ऐसे समय हासिल की है जबकि ज्यादातर सरकारी बैंक दो अंकीय वृद्धि हासिल करने के लिए संघर्ष करते नजर आए।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, पुणे मुख्यालय वाले बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कुल घरेलू कारोबार बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 15.94 प्रतिशत बढ़ा है। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 13.12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
हालांकि, मूल्य के हिसाब से एसबीआई का कुल कारोबार (जमा और अग्रिम) बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) के 4,74,411 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 16.7 गुना अधिक 79,52,784 करोड़ रुपये रहा है।
इसी तरह बीते वित्त वर्ष में जमा जुटाने के मामले में भी बीओएम की वृद्धि दर सबसे अच्छी रही है। बीते वित्त वर्ष में बीओएम की जमा वृद्धि 15.66 प्रतिशत रही। इसके बाद एसबीआई (11.07 प्रतिशत), बैंक ऑफ इंडिया (11.05 प्रतिशत) और केनरा बैंक (10.98 प्रतिशत) का स्थान रहा।
बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से केवल ये चार बैंक जमा के मामले में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल कर पाए हैं।
कम लागत की कासा (चालू खाता बचत खाता) जमा के मामले में भी बैंक ऑफ महाराष्ट्र 52.73 प्रतिशत की वृद्धि के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद 50.02 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का स्थान रहा। कासा जमा से बैंकों को अपने कोष की लागत को निचले स्तर पर रखने में मदद मिलती है।
कर्ज वृद्धि के मामले में कोलकाता का यूको बैंक 16.38 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बीओएम से थोड़ा बेहतर स्थिति में था। इसके बाद 16.30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बीओएम का स्थान रहा। एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में अग्रिम के मामले में 16.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों की कर्ज वृद्धि 16 प्रतिशत से कम रही।