अगरतला, 17 मई (भाषा) त्रिपुरा सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए जनगणना संचालन निदेशक की अध्यक्षता में छह सदस्यीय राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सीएए को बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होने के कारण 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में अधिनियमित किया गया था।
जनगणना संचालन निदेशक रवीन्द्र रियांग ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद सीएए के तहत भारत की नागरिकता देने के लिए राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलाधिकारियों को सीएए के तहत आवेदन प्राप्त करने और उन्हें राज्य-स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति को भेजने से पहले उनकी जांच करने के लिए जिला-स्तरीय अधिकार प्राप्त समितियों का गठन करने के लिए कहा गया है।
रियांग ने कहा कि जो लोग छठी अनुसूची के क्षेत्रों (जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद) के तहत रह रहे हैं, वे अधिनियम के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक उत्पीड़न के कारण तीन विशिष्ट देशों से आकर अगरतला नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और ग्राम पंचायतों जैसे ‘गैर-छठी अनुसूची क्षेत्रों’ में शरण लेने वाले लोग ही सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।’’