शिमला, 17 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई के प्रमुख राजीव बिंदल ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान करने वाले छह पूर्व विधायकों की बगावत झूठे वादे करके हिमाचल प्रदेश के लोगों को ‘धोखा’ देने के लिए कांग्रेस के मुंह पर तमाचा थी।
‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में बिंदल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के पास सत्ता में 15 महीने के दौरान बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है और कांग्रेस नेता इससे निराश हैं।
भाजपा नेता ने कहा, “कांग्रेस नीत राज्य सरकार नेतृत्व और नीतियों के मामले में दिवालिया हो चुकी है और उसने झूठे वादे करके राज्य की जनता को धोखा दिया है तथा कुछ विवेकशील लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। इसके (पूर्व) विधायकों का विद्रोह जनता को धोखा देने के जबाव में कांग्रेस के मुंह पर तमाचा था।”
उन्होंने कहा कि इन नेताओं को बागी कहना सुक्खू की हताशा को दर्शाता है।
बिंदल ने कहा, “एक बात तो साफ है कि लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास की नीतियों और उनके करिश्मे से प्रभावित हैं।”
उन्होंने दावा किया कि देशभर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भी इसका अपवाद नहीं है जहां छह पूर्व विधायकों के अलावा कांग्रेस की प्रदेश इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष हर्ष महाजन भी भाजपा में शामिल हो गए।
तत्कालीन कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा (सुजानपुर), सुधीर शर्मा (धर्मशाला), रवि ठाकुर (लाहौल और स्पीति), इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर), चैतन्य शर्मा (गगरेट) और देविंदर कुमार भुट्टो (कुटलैहड़) ने 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।
राज्यसभा चुनाव के दो दिन बाद उन्हें विधानसभा में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के व्हिप की अवहेलना करने पर अयोग्य करार दे दिया गया था।
बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ‘जनविरोधी’ है उसे आत्मचिंतन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा संगठित होकर चुनाव लड़ रही है जिसका ध्यान बूथ स्तर पर है। उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी।
बिंदल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आखिरी चरण में एक या दो स्थानों पर होने वाली रैलियां चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह भाजपा के पक्ष में कर देंगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा का एजेंडा गरीबों का कल्याण, रोजगार सृजन और भारत को उत्पादन का केंद्र बनाना है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अल्पसंख्यकों को खुश करने की कोशिश कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हुई छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे। बिंदल ने इन छह विधानसभा सीट पर भी भाजपा प्रत्याशियों की जीत का दावा किया।