नयी दिल्ली, देश का वस्तुओं का निर्यात इस साल अप्रैल में एक प्रतिशत बढ़कर 34.99 अरब डॉलर रहा। पिछले साल इसी महीने में यह 34.62 अरब डॉलर था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने के दौरान व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर 19.1 अरब डॉलर रहा।
इलेक्ट्रॉनिक, रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद और औषधि जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने में मदद की है।
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य महीने में आयात भी 10.25 प्रतिशत बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अप्रैल 2023 में 49.06 अरब डॉलर था।
इस साल अप्रैल में कीमती धातुओं का आयात दोगुना से अधिक होकर 3.11 अरब डॉलर रहा। कच्चे तेल का आयात 20.22 प्रतिशत बढ़कर 16.5 अरब डॉलर हो गया।
इस महीने के दौरान व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर 19.1 अरब डॉलर रहा। अप्रैल, 2023 में व्यापार घाटा 14.44 अरब डॉलर था। इससे पहले दिसंबर, 2023 में व्यापार घाटा 19.8 अरब डॉलर के उच्चस्तर पर रहा था।
मार्च, 2024 में निर्यात घटकर 41.68 अरब डॉलर रहा था। पिछले साल मार्च में यह 41.96 अरब डॉलर था।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा कि इन आंकड़ों से नए वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी होने के संकेत मिलते हैं। इसके आगे भी बने रहने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि 2023-24 के लिए वस्तुओं व सेवाओं में देश के कुल निर्यात के आंकड़ों को संशोधित कर 778.21 अरब डॉलर कर दिया गया है जो अभी तक का ‘‘सर्वाधिक’’ है। पिछले वित्त वर्ष में व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात कुल मिलाकर 437.1 अरब डॉलर, जबकि सेवाओं का निर्यात 341.1 अरब डॉलर रहा।
माल निर्यात में 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 13 में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अप्रैल में सकारात्मक वृद्धि देखी गई। इनमें कॉफी, तंबाकू, मसाले, प्लास्टिक और हस्तशिल्प शामिल हैं।
वाणिज्य मंत्रालय के ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के लिए सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य 29.57 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि अप्रैल, 2023 में यह 25.78 अरब डॉलर था। अप्रैल, 2023 के 13.96 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में इस साल अप्रैल में सेवाओं का आयात बढ़कर अनुमानित 16.97 अरब डॉलर हो गया।