नेपाल और भारत के बीच पारस्परिक सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा सलाहकार तंत्र : श्रेष्ठ

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काठमांडू, 15 मई (भाषा) नेपाल और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बेहतर बनाने के लिए एक सलाहकार तंत्र स्थापित किया गया है। नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस तरह के तंत्र पारस्परिक सहयोग और साझेदारी को बेहतर बनाते हैं।

‘द हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने बुधवार को श्रेष्ठ के हवाले से कहा, ‘‘व्यापार और आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए सीमा पार संपर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है।’’

श्रेष्ठ ने यहां मंगलवार को ‘नेपाल-इंडिया रिलेशन : प्रोस्पेक्ट्स एंड पाथवेज’ शीर्षक से अयोजित व्याख्यान के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सलाहकार तंत्र स्थापित किया गया है। यह तंत्र पारस्परिक सहयोग और साझेदारी को बेहतर बनाएगा।

श्रेष्ठ ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से कुछ द्विपक्षीय मुद्दे पीछे छूट गए हैं, जिन्हें ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर और अच्छे पड़ोसी होने की भावना के अनुसार बातचीत और राजनयिक तरीकों के जरिये हल करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के उच्च स्तरीय दौरे संबंधों को मजबूत और कई क्षेत्रों में साझेदारियों को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।’’

उप प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह नेपाल-भारत संबंधों को नयी ऊंचाईयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसके लिए नेपाल सरकार प्रतिबद्ध है।’’

पारस्परिक लाभ के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए दायरे को बढ़ाने का विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘नेपाल की जलविद्युत उत्पादन की अपार क्षमता का उचित उपयोग स्वच्छ ऊर्जा के साथ हमारे क्षेत्र के विकास परिदृश्य को बदल सकता है।’’

विदेश मंत्री ने सूचना-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नेपाल और भारत के बीच सहयोग की गुंजाइश को इंगित करते हुए शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि नेपाल का विकास और आर्थिक समृद्धि उसके पड़ोसियों के हितों की भी पूर्ति करती है और पड़ोसियों के साथ शांति नेपाल की इच्छा है।