नयी दिल्ली, देश में कृत्रिम मेधा (एआई) पर खर्च 2027 तक तीन गुना होकर पांच अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है।
इंटेल-आईडीसी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में संस्थाओं ने 2023 में एआई पर 170.38 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए।
आईडीसी के एसोसिएट उपाध्यक्ष शरत श्रीनिवासमूर्ति ने कहा, ‘‘ भारत में एआई खर्च 2023 से 2027 के बीच 31.5 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) के साथ पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। 2027 तक एआई हर जगह मौजूद होगा।’’
उन्होंने कहा कि 2023 में 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का बड़ा खर्च एआई ‘इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोविजनिंग’ और संबंधित सॉफ्टवेयर द्वारा किया गया।
श्रीनिवासमूर्ति ने कहा, ‘‘ कुल खर्च में ‘इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोविजनिंग’ सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना रहेगा।’’
इंटेल इंडिया क्षेत्र के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संतोष विश्वनाथन ने कहा कि भारत एआई के लिए तैयार है क्योंकि दुनिया का करीब 20 प्रतिशत डेटा देश में उत्पादित होता है और यह तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक बाजार है।
विश्वनाथन ने कहा कि प्रौद्योगिकी कौशल उपलब्धता के मामले में भारत विश्व स्तर पर अग्रणी है।