वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना काफी अधिक:सीईए

नयी दिल्ली,  मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में दर्ज की गई मजबूत वृद्धि के आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर आठ प्रतिशत तक पहुंचने की काफी संभावना है।

भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दिसंबर 2023 को समाप्त तीसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत बढ़ा। दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही जबकि पहली तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी।

उन्होंने यहां एनसीएईआर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। यदि आप पहली तीन तिमाहियों में वृद्धि की गति को देखें, तो स्पष्ट रूप से वृद्धि दर आठ प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना काफी अधिक है।’’

यह 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 7.5 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से अधिक है।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान 6.8 प्रतिशत है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2024-25 से आगे की वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है, क्योंकि पिछले दशक की तुलना में इस दशक में मुख्य अंतर वित्तीय तथा कॉरपोरेट क्षेत्र में गैर-वित्तीय क्षेत्र की बैलेंस शीट की मजबूती से है।