श्रीनगर, 12 जून (भाषा) केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में वुलर झील पर तुलबुल परियोजना फिर से शुरू करेगी। इसका कारण केंद्र के सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित करने के बाद अब उसे पाकिस्तान की सहमति की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के निलंबन के मद्देनजर भारत निश्चित रूप से नई पनबिजली परियोजनाओं पर काम करेगा।
लाल ने यहां कहा, ‘‘इससे पहले, जब भी हमें कोई काम करना होता था, तो हमें उनसे (पाकिस्तान से) चर्चा करनी पड़ती थी और उनकी सहमति के बिना हम कुछ नहीं कर सकते थे।’’
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर यहां संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘वुलर झील पर एक परियोजना (तुलबुल) थी, जिसकी परिकल्पना 1981 में की गई थी। लेकिन, उन्होंने अपनी सहमति नहीं दी और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब, जब सहमति की कोई आवश्यकता नहीं है, तो हम परियोजना को फिर से शुरू करेंगे और जल्द ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आईडब्ल्यूटी के निलंबन के बाद नई जलविद्युत परियोजनाओं पर काम करना शुरू करेगी, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हां, निश्चित रूप से।’’
पाकिस्तान द्वारा किसी भी परियोजना के निर्माण की चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें जो करना है, उन्हें करने दें। हमने उन्हें जवाब दिया है और अगर वे फिर से कुछ करते हैं, तो उन्हें उसी तरह का जवाब मिलेगा।’’
तुलबुल परियोजना पर पाकिस्तान की कड़ी आपत्तियों के बाद 1987 में बीच में ही छोड़ दिया गया था। इस परियोजना की परिकल्पना झेलम के जल स्तर को स्थिर करने के लिए उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में निंगली के पास वुलर झील के नीचे तीन लाख एकड़ फुट की भंडारण क्षमता के साथ 439 फुट लंबा और 40 फुट चौड़ा बैराज बनाने की गई थी।