बेंगलुरू, ओलंपिक और एशियाई खेल पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे सुमित को अतीत के संघर्षों ने एक और पदक अपनी झोली में डालने के लिये प्रेरित किया है ।
सुमित को पेरिस ओलंपिक के लिये भारतीय टीम में जगह बनाने की उम्मीद है और अंतिम 16 में स्थान पाने के लिये कड़ी प्रतिस्पर्धा से वह विचलित नहीं हैं ।
सुमित ने भारतीय टीम की तैयारियों के शिविर से इतर पीटीआई से कहा ,‘‘ मेरे जीवन में काफी संघर्ष रहे हैं और कठिन अतीत की यादों से मुझे आगे अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है । इससे बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की ऊर्जा मिलती है ।’’
सुमित ने 2021 में तत्कालीन कोच ग्राहम रीड द्वारा उन्हें टीम से बाहर किये जाने को मैदान पर सबसे बड़ी चुनौती बताया । उस साल एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद सुमित को टीम से बाहर कर दिया गया और उसके बाद राष्ट्रमंडल खेल या विश्व कप के लिये नहीं चुना गया ।
दो साल टीम से बाहर रहना उनके लिये कठिन था लेकिन सुमित ने उम्मीद नहीं छोड़ी ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं निराशा को दिमाग में घर करने नहीं देता लेकिन एक खिलाड़ी के लिये टीम से बाहर होना काफी कठिन होता है । पिछले कुछ साल में मैने काफी उतार चढाव देखे हैं लेकिन टीम में वापसी की चुनौती मेरे लिये अच्छी थी ।’’
सुमित ने कहा ,‘‘टीम से बाहर रहने पर बुरा इसलिये लगता है कि आपको लगने लगता है कि कोच आप पर भरोसा नहीं करता । इस सोच से खेल प्रभावित होने लगता है । मैने हालांकि अपने खेल पर मेहनत करके दावा पुख्ता किया ।’’
उन्होंने नये कोच क्रेग फुल्टोन की तारीफ करते हुए कहा ,‘‘ फुल्टोन ने ऐसा माहौल बनाया है जिसमें हर खिलाड़ी को अहमियत दी जा रही है । हर खिलाड़ी से उनका संपर्क है और वह पूरी टीम को साथ लेकर चलते हैं ।’’