नयी दिल्ली, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि बड़े टूर्नामेंट जीतना व्यक्तिगत प्रतिभा के बजाय एकजुट होकर टीम के रूप में प्रदर्शन करने पर निर्भर करता है। उनका मानना है कि मुंबई इंडियंस का खेमा समूहों में बंटा हुआ है जिससे खिलाड़ियों के एकजुट होकर प्रदर्शन करने में बाधा आ रही है।
सत्र से पूर्व कप्तानी में अचानक बदलाव करते हुए रोहित शर्मा की जगह हार्दिक पंड्या को कमान सौंपे जाने से पांच बार की चैंपियन टीम में निराशा है। प्ले ऑफ के लिए क्वालीफाई करने के लिए टीम को अपने बाकी बचे सभी पांच मैच जीतने होंगे।
क्लार्क ने ‘स्टार स्पोर्ट्स क्रिकेट लाइव’ पर कहा, ‘‘हां, मुझे नहीं पता (वे प्ले ऑफ में पहुंचेंगे या नहीं)।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम बाहर से जो देख रहे हैं, उससे कहीं अधिक चल रहा है और इतने सारे अच्छे खिलाड़ी होने के बावजूद आपको प्रदर्शन में इस तरह निरंतरता की कमी नहीं हो सकती।’’
ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उस ड्रेसिंग रूम के अंदर अलग-अलग समूह हैं और कुछ चीज काम नहीं कर रही है। वे एकजुट नहीं हो पा रहे, वे एक टीम के रूप में नहीं खेल रहे हैं।’’
रोहित, सूर्यकुमार यादव, पंड्या, टिम डेविड और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी मैच विजेताओं की मौजूदगी के बावजूद मुंबई इंडियन्स की टीम को जीत हासिल करने के लिए जूझना पड़ रहा है और टीम अपने नौ में से छह मैच गंवा चुकी है।
टीम की तीन जीत का श्रेय तेज गेंदबाज बुमराह और बड़े हिट लगाने वाले रोमारियो शेफर्ड की व्यक्तिगत प्रतिभा को दिया जा सकता है।
क्लार्क ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत प्रतिभा उन्हें जीत दिला सकती है, अगर रोहित शर्मा आते हैं और एक और शतक बनाते हैं या हार्दिक बल्ले से कुछ करते हैं या बुमराह फिर से जीनियस की तरह गेंदबाजी करते हैं तो कुछ भी हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बड़े टूर्नामेंट जीतने के लिए आपको एक टीम बनने की जरूरत है, ना कि केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन की और दुर्भाग्य से उन्होंने एक टीम के रूप में अच्छा नहीं खेला है इसलिए मुझे उम्मीद है कि वे इसे बदल देंगे।’’
अंक तालिका में नौवें स्थान पर चल रही मुंबई की टीम मंगलवार को लखनऊ में लखनऊ सुपर जाइंट्स से भिड़ेगी।