विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय समन्वयक (चुनाव) एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य कनकमेदला रवींद्र कुमार ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता आंध्र प्रदेश का ‘‘पुनर्निर्माण’’ करना और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार से छुटकारा दिलाकर राज्य को कर्ज के दलदल से बाहर निकालना है।
कुमार ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ नुकसान, 2014 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभाजन से हुए नुकसान से अधिक है। इस विभाजन से संसाधन दोनों राज्यों के बीच बंट गए।
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार आंध्र प्रदेश का कर्ज 2019-20 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 31.02 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 वित्तीय वर्ष में 33.32 प्रतिशत हो गया है जो संकेत है कि पिछले पांच वर्षों में राज्य की वित्तीय हालत खराब हुई है।
कुमार ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य में जगन मोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) के कार्यकाल में… हमारी मुख्य प्राथमिकता उनसे छुटकारा पाना और विकास के मामले में 20 साल पीछे जा चुके राज्य को फिर से खड़ा करना है। ’’
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के अस्तित्व और हितों की रक्षा के लिए विधानसभा और संसदीय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) के साथ गठबंधन करके तेदेपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी कर चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार विरोधी वोट विभाजित न हों।’’
उन्होंने दावा किया कि वाईएसआरसीपी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और सत्ता विरोधी लहर से इस बार तेदेपा को लाभ मिलेगा। पार्टी नेता ने कहा कि तेदेपा अपने प्रचार अभियान में इन मुद्दों के साथ-साथ उन छह वादों को भी लोगों को बता रही है, जिन्हें अगर वह सत्ता में आती है तो लागू करेगी।
तेदेपा के छह चुनावी वादों में युवाओं के लिए 20 लाख नौकरियों का सजृन और नौकरी सुरक्षित होने तक 3,000 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता प्रदान करना, स्कूल जाने वाले प्रत्येक बच्चे को प्रति वर्ष 15,000 रुपये देना, साल में तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देना, अन्नदाता योजना के जरिए किसानों को सालाना 20,000 रुपये देना, 18 से 59 वर्ष की आयु की महिलाओं को आधिपत्य निधि योजना के तहत प्रतिमाह 1,500 रुपये देना और महिलाओं को मुफ्त बस सेवा देना शामिल हैं।
आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 मई को होंगे। तेदेपा 17, जेएसपी छह और भाजपा दो सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। विधानसभा के लिए तेदेपा 144 पर, जेएसपी 21 पर और भाजपा 10 सीट पर चुनाव लड़ रही है।
राज्य पर बढ़ते कर्ज पर चिंता व्यक्त करते हुए कुमार ने दावा किया कि ‘‘कुशासन’’ और ‘‘कुप्रबंधन’’ के कारण पिछले पांच वर्षों में कर्ज कई गुना बढ़ गया है। राज्य की वित्तीय हालत इतनी खराब है कि सरकार अपने कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज ले रही है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में हुआ नुकसान राज्य के विभाजन के कारण हुए नुकसान से अधिक है।’’