नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने यौन उत्पीड़न के आरोपी सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के एक पूर्व मुख्य खेल अधिकारी को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में काम करने वाली कुछ महिलाओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिफारिश स्वीकार करने के बाद उप महानिरीक्षक खजान सिंह को बर्खास्तगी का नोटिस भेजा गया है।
सूत्रों ने कहा कि आरोपी अधिकारी से 15 दिनों के भीतर प्राप्त जवाब पर विचार करने के बाद इस संबंध में अंतिम आदेश जारी किए जाएंगे।
खजान सिंह ने इस मामले पर ‘पीटीआई-भाषा’ के सवाल का जवाब नहीं दिया। वर्तमान में मुंबई में तैनात अधिकारी के खिलाफ बर्खास्तगी का नोटिस हाल ही में जारी किया गया था, जब सीआरपीएफ द्वारा की गई जांच में उन्हें यौन उत्पीड़न के आरोप में ‘दोषी’ पाया गया था।
सीआरपीएफ मुख्यालय ने आंतरिक समिति द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए इसे यूपीएससी और गृह मंत्रालय को भेज दिया।
सूत्रों ने कहा कि यूपीएससी और गृह मंत्रालय ने खजान सिंह को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वह कम से कम दो ऐसे आरोपों का सामना कर रहे हैं और उन्हें एक मामले में बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों ने बताया कि दूसरे मामले पर विचार किया जा रहा है।
खजान सिंह ने देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के मुख्य खेल अधिकारी के रूप में कार्य किया है।
उन्होंने 1986 के सियोल एशियाई खेलों में 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में रजत पदक जीता था, जो 1951 के बाद से तैराकी में भारत का पहला पदक था।
उन्होंने पहले इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि यौन उत्पीड़न के आरोप ‘बिल्कुल झूठे’ हैं और उनकी छवि खराब करने के लिए लगाए गए थे।