टोरंटो, भारत के 17 वर्ष के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया और वह विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बन गए । उन्होंने 40 साल पुराना गैरी कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा ।
गुकेश ने 14वें और आखिरी दौर में अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेला । विश्व चैम्पियन के चैलेंजर का निर्धारण करने वाले इस टूर्नामेंट में उनके 14 में से नौ अंक रहे ।
वह साल के आखिर में मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन को चुनौती देंगे ।
चेन्नई के रहने वाले गुकेश ने कास्पोरोव का रिकॉर्ड भी तोड़ा । कास्पोरोव 1984 में 22 साल के थे जब उन्होंने रूस के ही अनातोली कारपोव को विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिये चुनौती दी थी ।
गुकेश ने जीत के बाद कहा ,‘‘ बहुत राहत महसूस कर रहा हूं । मैं फेबियानो कारूआना और इयान नेपाम्नियाश्चि के बीच मैच देख रहा था । इसके बाद टहलने चला गया जिससे मदद मिली ।’’
गुकेश को 88500 यूरो ( 78.5 लाख रूपये ) ईनाम के तौर पर भी मिले । इस टूर्नामेंट की कुल ईनामी राशि पांच लाख यूरो है ।
वह यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए । पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद ने 2014 में खिताब जीता था ।
आनंद ने एक्स पर लिखा ,‘‘ डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने पर बधाई । आपकी उपलब्धि पर गर्व है । मुझे निजी तौर पर तुम पर बहुत गर्व है जिस तरह से तुमने कठिन हालात में खेला । इस पल का मजा लो ।’’
गुकेश को जीत के लिये ड्रॉ की ही जरूरत थी और उन्होंने नकामूरा के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरती । दूसरी ओर कारूआना और नेपाम्नियाश्चि की बाजी भी ड्रॉ रही । अगर दोनों में से कोई जीतता तो टाइब्रेक होता ।
कारूआना, नेपाम्नियाश्चि और नकामूरा तीनों के 8 . 5 अंक रहे और वे संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे । भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा सात अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अजरबैजान के निजात अबासोव को हराया ।
विदित गुजराती ने फ्रांस के फिरोजा अलीरजा से ड्रॉ खेला और वह छठे स्थान पर रहे । अलीरजा सातवें और अबासोव आठवें स्थान पर रहे ।
गुकेश ने 12 वर्ष की उम्र में ग्रैंडमास्टर खिताब जीता था और वह शतरंज के इतिहास में तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने । उन्होंने हांगझोउ एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीता था ।