बढ़ रहा है सुन्दरता निखारने का व्यवसाय

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सुन्दर दिखना भी कलात्मक काम है। कुछ युवतियां सुंदर होते हुए भी सुंदर नहीं दिखतीं जबकि कुछ युवतियां आकर्षक शरीर की स्वामिनी न होकर भी देखने वाले को बेहद पसंद आने लगती है। ऐसी युवती का पति भी गर्व के साथ सिर ऊंचा करके चलता है तथा हर पार्टी, आयोजन में उसे साथ ले जाता है। उसके मन में कभी हीनभावना नहीं आती। वह अपनी पत्नी को ‘वंडरफुलÓ मानता है। सम्बन्धियों, मित्रों में बैठकर उसकी प्रशंसा किये बिना नहीं रह सकता।


कैसे निखारे अपनी सुंदरता को, इसे जानना अत्यंत आवश्यक है। कम परिश्रम तथा कम व्यय करके आकर्षक बने रहना हर युवती की तमन्ना रहती है। कोई कहे या न कहे, हर युवती आकर्षण का केंद्र बनकर सुख की अनुभूति करती है। श्रीमती प्रतिमा पांडेय ने जो दिशा निर्देश दिया है, वह सराहनीय है। आईए जाने उनके विचार। उन्होने इसे बतौर व्यवसाय अपनाने के लिए भी कुछ जरूरी बातें कही हैं।


आमतौर पर सौंदर्य को बहुत बुद्धि का काम नहीं माना जाता है लेकिन यह गलत धारणा है। सौंदर्य एक ऐसा क्षेत्र है जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। अन्यथा लेने के देने पड़ सकते हैं। वैसे भी आज के युग में जब सुदर्शन व्यक्तित्व होना हर क्षेत्र की एक शर्त हो गयी है, तब सौंदर्य में कैरियर बनाने वाले की एक अलग महत्ता होती है। यह कई करोड़ का व्यापार क्षेत्र बन चुका है।


ब्यूटीशियन होने का मतलब यह नहीं है कि आप केवल आइब्रो प्लकिंग या हेयर स्टाइल तक सीमित रह जाएंगे। इसका आकाश असीमित है। नख से लेकर शिख तक सौंदर्य के जितने आयाम ढूंढे जा सकें उतना ही कम है। ब्यूटी थेरेपी में चेहरे, त्वचा, हाथ व पैरों की देखभाल की जाती है। इसमें प्रयोग करके अपनी कला को दूसरों से अलग व बेहतर भी बना सकते हैं। मैनी क्योर, हेयर कटिंग, स्टाइलिंग, शैम्पू करना, मेकअप, त्वचा की देखरेख, चेहरे का मेकअप मसाज, सोना बाथ, अवांछित बालों का उपचार, शारीरिक गठन, खान-पान वगैरा की देखरेख इसी के तहत आते हैं। सौंदर्य निखारने से सम्बंधित सभी सेवाएं कॉस्मेटोलॉजी में ब्यूटी थेरेपी का हिस्सा है।


मेनीक्योरिस्ट या पेडीक्योरिस्ट लोगों के हाथों व पांवों की सुंदरता की देखरेख करते हैं। खासतौर पर हाथों व पांवों के नाखूनों की। हाथों, पांवों की मसाज, हाथों को कोमल करना, नाखूनों को आकार देना, नेलपॉलिश आदि मेनीक्योरिस्ट का कार्य क्षेत्र है। पैडीक्योरिस्ट यही काम पांवों के लिए करते हैं। उन्हें पता होता है कि पांवों की त्वचा के लिए कौन सी क्रीम व उपचार ज्यादा ठीक है व कौन सी चीज उन्हें नुकसान कर सकती है या नहीं।


इलेक्ट्राजिस्ट शरीर के विभिन्न हिस्सों के अवांछित बालों का उपचार करने में माहिर होते हैं। इसी तरह मैसूज चेहरे की मसाज व फेशियल में एक्सपर्ट होते हैं। मसाज के लिए अरोमा थेरेपी का भी उपयोग किया जा रहा है। अलग से सैलून भी स्थापित किए जा सकते हैं।
हेयर स्टाइलिस्ट: एक हेयर स्टाइलिस्ट के तौर पर आपको हेयर कटिंग, ट्रिमिंग व बालों को आकार देना, उन पर क्लिपर्सस रेजर्स, कैंची आदि का उपयोग करना आना चाहिए। बालों में शैम्पू करना, उन्हें सुखाना, उनमें ब्लीच, डाई करना या फिर रंगों का इस्तेमाल करना भी हेयर स्टाइलिंग का ही हिस्सा है। सीधे बालों को लहरदार बनाने के लिए हेयर जेल आदि का प्रयोग या बालों को घुंघराले बनाने की तकनीक का इस्तेमाल करना आदि भी हेयर स्टाइलिंग के तहत ही आता है। हेयरस्टाइलिस्ट विभिन्न अवसरों के लिए लोगों के लिए अटैच विग भी बनाते हैं। उन्हें मॉडलों के लिए फोटोग्राफ या स्केच आदि के आधार पर नए-नए हेयरस्टाईल के हेयर पीस आदि भी बनाने के काम मिलते हैं।


सिर में मसाज तकनीक व उपचारात्मक तकनीकों आदि का उपयोग करना भी सिखाया जाता है। हेयर स्टाइलिस्ट सिर में होने वाली विभिन्न संक्रामक बीमारियां आदि के उपचार और सावधानी पूर्ण देखरेख के बारे में सलाह देते हैं। एक हेयर स्टाइलिस्ट बनने के लिए केवल एक या दो महीने का प्रशिक्षण काफी नहीं है। इसके लिए कम से कम एक साल तक प्रशिक्षण दिया जाता है। उसके बाद व्यक्ति की प्रैक्टिस पर निर्भर करता है। किसी भी पांच सितारा होटल के सैलून में काम मिलना एक प्रशिक्षित व्यक्ति के लिए आसान काम है। शहरों में खुद के सैलून भी स्थापित किए जा सकते हैं। हबीब के पार्लर इसका साक्षात उदाहरण हैं। विशेष अवसरों पर घर पर जाकर हेयर स्टाइलिंग करने के काम भी कर सकते हैं।
ब्यूटी कंसल्टेंसी:  आजकल ग्लैमर जगत के प्रसार को देखते  हुए मेकअप व ब्यूटी सलाहकारों की विशेष आवश्यकता है। विभिन्न स्टूडियों, फिल्म, टेलीविजन, मॉडल एजेंसी, ब्यूटी क्लीनिक्स, सौंदर्य प्रतियोगिता, पॉप आयोजन आदि किसी भी बड़े सार्वजनिक आयोजनों में ब्यूटी सलाहकार की आवश्यकता तो पड़ती है। यहां पर भी काम मिलता है।
फिटनेस व एक्सरसाइज:  यह तेजी से उभरता क्षेत्र है। अब ब्यूटी केयर में फिटनेस व व्यायाम को बहुत महत्व दिया जा  रहा है। इसमें एक्सपर्ट होकर योग, हेल्थ क्लब, जिम व एयरोबिक्स जिम आदि खोल सकते हैं। जिम इंस्ट्रक्टर बनकर भी बहुत काम मिल सकता है। इसके अलावा ब्यूटीकेयर के विभिन्न क्षेत्रों मेंं प्रशिक्षित होकर ब्यूटी सैलून या कॉस्मेटिक कम्पनियों में भी अच्छे पदों पर जा सकती हैं। आमतौर पर इस क्षेत्र में लोग अकेले और छोटे स्तर से काम शुरु करते हैं।


प्रशिक्षण: ब्यूटी  केयर या कॉस्मेटोलॉजिस्ट बनने के लिए अच्छे संस्थान से प्रशिक्षण लिया जा सकता है। आमतौर पर ब्यूटीकेयर से संबंधित प्रशिक्षण छोटी अवधि के होते हैं।
हालांकि इसमें बहुत ज्यादा उच्च शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती लेकिन कई बार उच्च शिक्षा भी बहुत काम आती है। मशहूर ब्यूटी केयर एक्सपर्ट भारती तनेजा वैसे बी.एड के बाद साइंस टीचर थीं। लेकिन कुछ साल पहले पढ़ाने के बाद उन्होंने अपना कैरियर बदल दिया और ब्यूटीकेयर के क्षेत्र में आ गयीं। उनका कहना है कि वह अपनी ब्यूटीथेरेपी में साइंस के सभी तथ्यों का इस्तेमाल करती हैं। छात्रों को प्रशिक्षण के बाद भी अभ्यास के लिए इंटर्नशिप करना फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा आयुर्वेदिक ब्यूटीकेयर का नया क्षेत्र भी तेजी से उभर रहा है।


विशेषज्ञ की राय: श्रीमती भारती तनेजा डायरेक्टर, एल्पस स्कूल ऑफ हेयर डिजाइनिंग एंड ब्यूटी लिखती हैं-


आधुनिकीकरण के दौर में अब सौंदर्य की परिभाषा बदल गई है। अब पढ़ी-लिखी औरतों ने ब्यूटी कल्चर के क्षेत्र में शिरकत शुरु कर दी है। अब यह व्यवसाय उतनी ही संपूर्णता की मांग करता है जितना कि डाक्टरी या अन्य किसी पेशे से अपेक्षा की जाती है। आज सौंदर्य औैर विज्ञान को एक दूसरे से जोड़कर देखना होगा। साइंस में हर चीज के दो पक्ष होते हैं-सिद्धांत व व्यवहारिक उपयोग। सौंदर्य के सिद्धांत को समझने के लिए भी दोनों पक्षों को समझना अनिवार्य है। अगर कोई फेशियल में एक्सपर्ट होना चाहता है तो उसे त्वचा के प्रकार, फिजियोलॉजी, एनाटमी व अन्य प्रॉब्लम के बारे मेंं समझना जरूरी है। ताकि वह जान सके कि अलग-अलग तरह की त्वचा के लिए अलग-अलग ट्रीटमेंट जरूरी है। ब्यूटी केयर का क्षेत्र अपनाते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि आगे चलकर अपना पॉर्लर खोल सकें। साथ ही अपनी ब्रांड के उत्पाद भी बना सकें।


एल्प्स स्कूल ऑफ हेयर डिजाइनिंग एण्ड ब्यूटी:  इस संस्थान की दिल्ली में छह शाखाएं हैं- विकास पुरी, पंजाबी बाग, शालीमार बाग, लाजपतनगर, नारायण और प्रीत विहार। यहां 16 तरह के कोर्स चलाए जा रहे हैं। जिसमें बेसिक ब्यूटी कल्चर, बेसिक हेयर कटिंग व ड्रेसिंग, एडवांस हेयर स्टाइल, एडवांस मेकअप फैंटेंसी एण्ड स्पेशल  इपेक्ट्स मेकअप, कॉस्मेटोलॉजी, स्किन एंड हेयर ट्रीटमेंट, इलेक्ट्रोलिसिस, थर्मोलिसिस एंड ब्लेंड, नेल आर्ट, मेहंदी, पर्सनल ग्रूमिंग एण्ड कोर्स, आईलैश पर्मिंग, नोज ऐंड इेयर पियर्सिंग, अरोमा थेरेपी और परमानेंट कॉस्मेटिक मेकअप शामिल हैं।


इस प्रकार हम स्वयं तो सुंदर हो ही सकते हैं, पार्लर भी खोलकर ‘ब्यूटी केयरÓ को बतौर व्यवसाय भी अपना सकते हैं।


छात्र-छात्रााएं बाद में स्वरोजगार के लिए भी इस दिशा में जा सकते हैं। इस प्रकार हम अपने व्यक्तिगत आकर्षण में वृद्धि तो कर ही लेंगे, अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर लेंगे।