मैं खुद को भगवान कृष्ण की ‘गोपी’ मानती हूं : भाजपा सांसद हेमा मालिनी

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मथुरा, मथुरा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार के तौर पर तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रही अभिनेत्री एवं नेता हेमा मालिनी ने बुधवार को कहा कि वह खुद को भगवान कृष्ण की ‘गोपी’ मानती हैं।

मथुरा की सांसद ने संवाददाताओं से कहा, “मैं राजनीति में नाम और प्रसिद्धि या किसी तरह का फायदा उठाने के लिए नहीं आई हूं।”

हेमा मालिनी ने खुद को कृष्ण की गोपी बताया और कहा कि चूंकि भगवान कृष्ण बृजवासियों से प्यार करते हैं, इसलिए उन्होंने सोचा कि अगर वह ईमानदारी से उनकी सेवा करेंगी तो ही वह उन पर अपना आशीर्वाद बरसाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसी भाव से बृजवासियों की सेवा कर रही हूं।’’

उन्होंने मथुरा से तीसरी बार बृजवासियों की सेवा करने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि बदहाल स्थिति में पड़े ‘ब्रज 84 कोस परिक्रमा’ मार्ग का विकास उनकी पहली प्राथमिकता होगी।

हेमा मालिनी ने कहा, “ब्रज 84 कोस परिक्रमा को पर्यटकों के लिए सुखदायक और आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने काफी उदारता दिखाते हुए उनके अनुरोध पर विचार किया और उन्होंने ब्रज 84 कोस परिक्रमा के नवीनीकरण के लिए 5,000 करोड़ रुपये मंजूर किए।

उन्होंने कहा “चूंकि इसके लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) 11,000 करोड़ रुपये की तैयार की गई है, मैं आदर्श बुनियादी ढांचे के लिए शेष राशि स्वीकृत करवाऊंगी ताकि तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां आकर मंत्रमुग्ध हो जाएं।”

उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार खोलेगा।

उन्होंने बताया कि उनकी दूसरी प्राथमिकता यमुना नदी की सफाई की दिशा में काम करना होगी।

हेमा मालिनी ने दावा किया कि नमामि गंगे परियोजना शुरू होने से पहले ही उन्होंने गंगा और यमुना नदियों के प्रदूषण को लेकर संसद में सवाल उठाया था।

उन्होंने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने नमामि गंगे परियोजना में रुचि ली है, तब से प्रयागराज में गंगा का पानी साफ और प्रदूषण मुक्त हो गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की प्रदूषण समस्या को हल करने में रुचि नहीं ली जिससे पवित्र नदी मथुरा में प्रदूषित बनी हुई है।

हेमा मालिनी के अनुसार दिल्ली और हरियाणा में यमुना की सफाई के बिना मथुरा में स्वच्छ यमुना का सपना हकीकत में नहीं बदला जा सकता।

हेमा मालिनी ने कहा कि वर्तमान में यमुनोत्री के पानी का उपयोग दिल्ली और हरियाणा द्वारा किया जाता है और दोनों राज्यों के नालों का पानी यमुना में छोड़ा जाता है, उन्होंने कहा कि वह स्वच्छ यमुना के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी।

मुख्यमंत्री योगी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जब उनका (योगी) ध्यान मथुरा के विकास की आवश्यकता की ओर आकर्षित किया गया तो उन्होंने उनके कहने पर यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया। इसमें वृन्दावन में संत ग्राम (संतों के लिए एक गाँव), कुंडों का जीर्णोद्धार, रसखान समाधि, परसौली में सूर (सूरदास) की साधना स्थली और गोवर्धन परिक्रमा मार्ग का विकास करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि रसखान समाधि, सुर साधना स्थली और गोवर्धन परिक्रमा के जीर्णोद्धार समेत कई काम पूरे हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि अन्य परियोजनाओं पर काम जारी है, लेकिन अतिक्रमण के कारण इसकी गति धीमी है।

हेमा मालिनी ने उनके अनुरोध पर वृन्दावन, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, मथुरा और बलदेव को ‘तीर्थ स्थल’ घोषित करने के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को धन्यवाद दिया।