नयी दिल्ली, पूर्व ड्रैग फ्लिक विशेषज्ञ रूपिंदर पाल सिंह को लगता है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम बेहतर रक्षात्मक तालमेल और बेहतर पासिंग से आस्ट्रेलिया की आक्रामक खेल शैली से निपट सकती है।
हाल में भारत को पर्थ में हुई पांच टेस्ट की श्रृंखला में आस्ट्रेलिया से 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। यह दौरा भारत के लिए निराशाजनक रहा जबकि इससे पहले टीम ने एफआईएच प्रो लीग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। टीम से जुलाई-अगस्त में होने वाले पेरिस ओलंपिक में तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक से बेहतर या इसके बराबरी वाले प्रदर्शन की उम्मीद है।
भारत की 2014 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य सिंह हालांकि आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस नतीजे से ज्यादा चिंतित नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि टीम प्रत्येक मैच के साथ सुधार करती गयी।
सिंह ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘हम पहला मैच 5-1 से हारे लेकिन इसके बाद टीम ने सुधार किया और स्कोर बराबरी का रहा। हमने कुछ मौके गंवाये जिसे देखते हुए ओलंपिक से पहले कुछ काम करने की जरूरत है। यह श्रृंखला पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिए थी जिसमें नये वैरिएशन और खिलाड़ियों को आजमाया गया था। ’’
आस्ट्रेलिया की आक्रामक शैली से निपटने के तरीके के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि नये तरह की पासिंग से निपटा जा सकता है।
उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘आस्ट्रेलिया से निपटने के लिए उच्च स्तर के तालमेल की जरूरत है जिसमें डिफेंडर से डिफेंडर तक गेंद ट्रांसफर, मिडफील्ड में डिफेंडरों के तेज पास, ऊपर के पास इस तरह की शैली से निपटने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। ’’