ठाणे,मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे ने रविवार को कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है, लेकिन छह जून तक आरक्षण नहीं मिलने पर मराठा समुदाय के सदस्य महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 20 मई तक पांच चरणों में होंगे और राज्य विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। लोकसभा चुनाव की मतगणना चार जून को होगी।
जरांगे ने नवी मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “हम राजनीति में शामिल नहीं हैं। हम किसी भी पार्टी के साथ नहीं जुड़े हुए हैं, न तो विपक्षी महा विकास अघाडी और न ही सत्तारूढ़ महायुति के साथ। हमने कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है और न ही किसी का समर्थन किया है।”
वह डॉ. बी आर आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई स्थित ‘चैत्यभूमि’ जा रहे थे।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।
कांग्रेस, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) महा विकास अघाडी के घटक दल हैं।
जरांगे ने कहा, ”मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, लेकिन (मराठा) समुदाय जानता है कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा।”
उन्होंने महायुति सरकार पर आरोप लगाा कि उसने आरक्षण मुद्दे पर अहम फैसला सात महीने तक टालकर मराठा समुदाय को धोखा दिया।
जरांगे ने कहा, “उन्होंने (सभी राजनीतिक दलों के संदर्भ में) मराठा समुदाय को 40 साल तक धोखा दिया है। हम विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर वे 6 जून तक (आरक्षण) नहीं देते हैं, तो हम विधानसभा चुनाव के लिए शत-प्रतिशत तैयारी करेंगे। मराठा समाज ऐसा करेगा। मैं 5 जून को अनशन भी शुरू कर सकता हूं।”
इस साल फरवरी में, राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत अलग आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक आम सहमति से पारित किया था।
जरांगे ने पहले जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल की थी। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण पर जोर दे रहे हैं।
उन्होंने पिछले साल मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी और समुदाय के सदस्यों, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मिलीभगत का भी आरोप लगाया जिनके पास गृह विभाग भी है।
जरांगे ने मराठा समुदाय के सदस्यों से लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए बड़ी संख्या में आने की अपील की। उन्होंने कहा, “समुदाय को एकजुट होना चाहिए और दृढ़ विश्वास के साथ मतदान करना चाहिए। उन्हें इतनी ताकत से हराएं कि वे मराठा वोट से भयभीत हो जाएं। उम्मीदवारों को हराना अपने आप में एक जीत है।”
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनका इशारा सत्तारूढ़ पक्ष के उम्मीदवारों की ओर है और विपक्षी उम्मीदवारों की ओर।