तीन सांसदों का पत्ता साफ होने और सीट बंटवारा नहीं होने से टिकट के इच्छुक शिवसेना नेता बेचैन

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मुंबई,तीन मौजूदा सांसदों का टिकट काटने के निर्णय और महायुति के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत के बीच लोकसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने के इच्छुक शिवसेना नेताओं की बेचैनी बढ़ गयी है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र में महायुति के सहयोगी दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है। इन तीनों दलों के बीच अभी तक टिकट बंटवारे पर सहमति नहीं बनी है, लेकिन शिवसेना में टिकट पाने की उम्मीद कर रहे नेताओं ने खुद के नामांकन को लेकर जारी अनिश्चितता के बावजूद अपना अभियान शुरू कर दिया है।

राज्य की 48 सीट पर 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होगा। लेकिन मौजूदा सांसद भावना गवली (यवतमाल वाशिम), हेमंत पाटिल (हिंगोली) और कृपाल तुमाने (रामटेक) का टिकट कटने के बाद शिवसेना नेता चिंतित हैं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि शिवसेना द्वारा गजानन कीर्तिकर को मैदान में उतारने की संभावना नहीं है जो फिलहाल मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

महायुति को अब भी सात सीट – रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, मुंबई दक्षिण, औरंगाबाद, नासिक, पालघर, ठाणे और सतारा के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करनी है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने इनमें से छह सीट जीती थीं। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि अब इन सीट पर गठबंधन सहयोगियों, मुख्य रूप से भाजपा की नजर है।

महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन ने मुंबई उत्तर-मध्य के लिए अपने उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है, लेकिन सीट-बंटवारा समझौते के तहत उसने यह निर्वाचन क्षेत्र भाजपा को आवंटित कर दिया है।

विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) में कांग्रेस, शिव सेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) शामिल हैं, जिन्होंने अपने सीट-बंटवारा समझौते पर मुहर लगा दी है लेकिन अभी तक मुंबई उत्तर (कांग्रेस), माढा (शरद पवार गुट) और मुंबई उत्तर मध्य (कांग्रेस) सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है।

शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि भाजपा ठाणे या कल्याण में चुनाव लड़ने की इच्छुक थी, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं। लेकिन शिवसेना ये दो सीट भाजपा के लिए छोड़ने के प्रति अनिच्छुक थी। इसके बाद पिछले हफ्ते उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने श्रीकांत शिंदे की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया।

ठाणे मुख्यमंत्री शिंदे का गढ़ है, इसलिए यह संभावना कम है कि शिवसेना मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र को भाजपा के लिए छोड़ देगी।

नासिक सीट पर भी असंतोष पनप रहा है जहां दो बार के सांसद हेमंत गोडसे ने महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल के लिए इस सीट पर दावा करने के राकांपा के प्रयासों के बीच प्रचार शुरू कर दिया है।

गोडसे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘यहां बेचैनी है क्योंकि पूर्व में शिवसेना ने दो बार यह सीट जीती है। अपनी ओर से मैंने चुनाव के मद्देनजर फिर से लोगों से मिलना शुरू कर दिया है।’’ उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वह अपना नामांकन सुनिश्चित करेंगे।

तटीय रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट का प्रतिनिधित्व अविभाजित शिवसेना के विनायक राउत ने किया जो अब उसी निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार हैं। पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि भाजपा अब केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के लिए इस सीट का दावा कर रही है जो शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के कटु आलोचक हैं।

राज्य के उद्योग मंत्री और सेना विधायक उदय सामंत के बड़े भाई किरण सामंत भी इस सीट के लिए उत्सुक हैं और उन्होंने जाहिर तौर पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

दक्षिण मुंबई सीट को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष और भाजपा नेता राहुल नार्वेकर ने एक महीने पहले इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार शुरू किया था। ऐसा ही शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने भी किया है जो पूर्व में दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शिवसेना के उपनेता और पार्टी की भायखला से विधायक यामिनी जाधव के पति यशवंत जाधव भी यहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

मराठवाड़ा क्षेत्र की औरंगाबाद सीट पर शिवसेना और भाजपा द्वारा दावा किया जा रहा है और यही हाल पालघर का भी है।

सतारा सीट पर भाजपा और राकांपा दोनों ही दावा कर रही हैं, लेकिन भाजपा के राज्यसभा सांसद और मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले ने इस सीट पर अपना प्रचार पहले ही शुरू कर दिया है।