वाशिंगटन, अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सांसदों से कहा कि भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाकर, दोनों देश व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अधिक स्थिर शक्ति संतुलन को बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
उन्होंने रक्षा विभाग के वार्षिक बजट पर इस सप्ताह कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को यह भी बताया कि अमेरिका और भारत की सेनाएं हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए परिचालन गतिविधियों में तेजी ला रही हैं।
ऑस्टिन ने कहा, ‘‘भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाकर, हम व्यापक हिंद-प्रशांत में अधिक स्थिर शक्ति संतुलन को बनाए रखने के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। इस बजट अनुरोध के साथ, हम अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी के तहत अमेरिका-भारत संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त अभ्यासों, सूचना-साझा करने और अन्य परिचालन गतिविधियों में तेजी ला रही हैं।’’
ऑस्टिन ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अमेरिका-भारत की बढ़ती साझेदारी हमारे सहयोगियों और साझेदारों के व्यापक नेटवर्क खासतौर से ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच चतुष्कोणीय सुरक्षा संवाद के प्रयासों का समर्थन करे।’’
हिंद-प्रशांत पर कांग्रेस की एक अलग सुनवाई में अमेरिका हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन सी एक्विलिनो ने सांसदों से कहा कि क्षेत्र में चीन के आक्रामक कदमों के बीच मजबूत अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के लिए आवश्यक है।
एक्विलिनों ने सांसदों से यह भी कहा कि 2021 में भारत के साथ अपने लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने एक भूमि सीमा कानून पारित किया, ‘‘जिसमें दावा किया गया कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता पवित्र और अटूट है’’ और इसमें सीमा सुरक्षा में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की अधिक संलिप्तता के लिए एक कानूनी रूपरेखा प्रदान की गयी है।