कांग्रेस का घोषणापत्र जारी, जाति जनगणना कराने और चुनावी बॉण्ड, राफेल की जांच का वादा किया

नयी दिल्ली,  कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें उसने जाति जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने तथा चुनावी बॉण्ड, राफेल एवं पेगासस जैसे ‘भ्रष्टाचार के मामलों’ की जांच कराने का वादा किया है।

पार्टी ने नयी शिक्षा नीति में संशोधन करने, दल-बदल करने वालों सांसदों-विधायकों की सदस्यता रद्द करने का कानूनी प्रावधान करने, ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग गठित करने और कई अन्य वादे अपने इस घोषणापत्र में किए हैं।

यह घोषणापत्र पार्टी के 10 न्याय – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’, ‘युवा न्याय’, ‘संविधान न्याय’, ‘आर्थिक न्याय’, ‘राज्य न्याय’ , ‘रक्षा न्याय’ और ‘पर्यावरण न्याय’ के आधार पर तैयार किया है। इससे पहले, पार्टी ने पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ जनता के समक्ष रखी थी।

पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस घोषणा पत्र में भविष्य के शानदार भारत की तस्वीर नजर आती है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव, संविधान और लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास करने वालों और इन्हें बचाने की कोशिश करने वालों के बीच होने जा रहा है।

कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में यह घोषणापत्र जारी किया गया।

इस मौके पर कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, पार्टी की घोषणा पत्र समिति के प्रमुख और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

पार्टी ने वादा किया है कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाया जाएगा।

कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी।

घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार में आने के बाद नयी शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर इसमें संशोधन किया जाएगा।

पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि जो नेता भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए, उनके मामलों को फिर से खोला जाएगा और जांच कराई जाएगी।

कांग्रेस ने वादा किया कि वह ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के साथ विचार विमर्श कर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करेगी।

पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है।

‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी गई है।

‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया गया है।

कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है।

उसने ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं।

कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है कि उसने अगले 10 वर्षों में भारत की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

मुख्य विपक्षी दल ने यह वादा भी किया है कि वह मॉब लिंचिंग, बुलडोजर न्याय और फर्जी मुठभेड़ जैसे गैर न्यायिक कदमों का पुरजोर विरोध करती है और सत्ता में आने पर इनसे कानून के मुताबिक सख्ती से निपटेगी।

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा है कि वह रक्षा बलों के लिए “वन रैंक वन पेंशन” (ओआरओपी) को सही रूप में लागू करेगी और मोदी सरकार की ओर से इसमें जो भी विसंगतियां पैदा की गई हैं उन्हें दूर किया जाएगा।

कांग्रेस ने कहा है कि वह सत्ता में आने पर चुनावी बॉण्ड, राफेल और पेगासस स्पाईवेयर जैसे ‘भ्रष्टार के मामलों’ की जांच कराएगी और जिम्मेदार लोगों को न्याय के जद में लाएगी।

कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा है कि केंद्र में उसकी सरकार बनने की स्थिति में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से ही होगा, लेकिन मशीनों की क्षमता एवं मतपत्रों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी तथा वीवीपैट (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों का मिलान होगा।

पार्टी का कहना है कि सत्ता में आने पर वह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के घोषणापत्र को ‘झूठ का पुलिंदा’ करार दिया और आरोप लगाया कि देश में दशकों तक शासन करने वाली इस पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए कांग्रेस इस तरह का चुनावी घोषणापत्र लेकर आई है।