मांड्या (कर्नाटक),जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा है कि वह लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बेहतर प्रदर्शन के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं और चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन जारी रखना इस पर निर्भर करेगा कि उनकी पार्टी और उनके नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मौका मिलने पर और अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उन पर भरोसा हो तो वह राजग के केंद्र में सत्ता में वापस आने पर कृषि मंत्री बनना चाहेंगे।
जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को मांड्या से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम राजग का हिस्सा हैं। आगे यह (गठबंधन में बने रहने का फैसला) इस पर निर्भर करेगा कि भविष्य में हमारी पार्टी के नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ईमानदारी से काम कर रहे हैं और हम भाजपा के साथ दीर्घकालिक संबंध चाहते हैं लेकिन भविष्य अंततः इस पर निर्भर करेगा कि हमारे साथ कैसा व्यवहार किया जाता है और हमें भाजपा से कितना सम्मान मिलता है।’’
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी जद (एस) पिछले साल सितंबर में भाजपा नीत राजग में शामिल हो गई थी। सीट-बंटवारा समझौते के तहत कर्नाटक में भाजपा 25 निर्वाचन क्षेत्रों में और जद (एस) तीन सीटों मांड्या, हासन और कोलार में चुनाव लड़ेगी।
देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मुझे केंद्रीय मंत्री के रूप में देखना न केवल मांड्या के लोगों की आकांक्षा है, बल्कि भाजपा के मेरे मित्रों का भी मानना है कि अगर मैं मंत्री बनूंगा तो यह राज्य के लिए अच्छा होगा।’’
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मैं कृषक पृष्ठभूमि से आता हूं और मुझे मौका दिया जाता है तो कृषि मंत्री बनना चाहता हूं और सरकार का नाम रोशन करना चाहता हूं। अगर प्रधानमंत्री को भरोसा हो कि मैं अच्छा काम कर सकता हूं और अगर मुझे मौका दिया जाए तो मैं कृषि क्षेत्र में काम करना चाहूंगा।’’
जद (एस) नेता कुमारस्वामी मांड्या के पड़ोसी जिले रामानगर के चन्नापटना से विधायक हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि उन पर मांड्या से चुनाव लड़ने के लिए वहां के लोगों का बहुत दबाव था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कर्नाटक की बेहतरी के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है, न कि अपना अस्तित्व बचाने के लिए। यह भाजपा और जद (एस) दोनों के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद होने वाला है। कांग्रेस ने हमारे बीच मत-विभाजन का फायदा उठाया। पिछले (विधानसभा) चुनाव में, हमें गलती का एहसास हुआ और हमने मिलकर कांग्रेस से लड़ने का फैसला किया।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा जद (एस) की ‘‘स्वाभाविक सहयोगी’’ है, न कि कांग्रेस। कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले 50 वर्षों से हमेशा कांग्रेस से मुकाबला किया है।