मैसुरु,कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि अगर यह साबित हो गया कि सूखा राहत के लिए केंद्र को प्रस्ताव सौंपने में उनकी सरकार की ओर से देरी हुई है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
सिद्धरमैया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से इस संबंध में लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
शाह ने मंगलवार को बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक में सूखे की स्थिति है और राज्य सरकार ने राहत के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने में तीन महीने की देरी की है और ‘सूखा राहत का आवेदन निर्वाचन आयोग के पास है’।
सिद्धरमैया ने शाह पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए आश्चर्य जताया कि अगर यह साबित हो गया तो क्या केंद्रीय मंत्री भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सितंबर में हमने इस संबंध में पहला ज्ञापन सौंपा था, अक्टूबर में केंद्रीय टीम (अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम -आईएमसीटी) आई थी, उन्होंने भी 20 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दे दी थी, अगर यह झूठ है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। क्या वह (शाह) अपने पद से (इस्तीफा) देंगे? क्या अमित शाह देंगे इस्तीफा? उनसे पूछो। उन्हें निर्णय लेने दो।’’
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अक्टूबर में ही हम तीन बार ज्ञापन दे चुके हैं, उसके बाद केंद्रीय टीम ने आकर निरीक्षण किया और रिपोर्ट दी। 19 दिसंबर को मैं प्रधानमंत्री से मिला और 20 दिसंबर को अमित शाह से मिला। मैंने उन्हें रिपोर्ट के बारे में बताया और उनसे एक बैठक आयोजित करने और हमें राहत देने का अनुरोध किया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिसंबर के बाद चार महीने हो गए हैं। फिर वह कैसे कह सकते हैं कि हमने ज्ञापन देने में देरी की? हमने पांच महीने पहले ज्ञापन दिया था, अब छह महीने होने को हैं, फिर भी उन्होंने कोई राहत नहीं दी, उन्हें यह दावे करने का कौन सा नैतिक अधिकार है? अगर देश के गृह मंत्री इस तरह से सफेद झूठ बोलते हैं…’’
सिद्धरमैया ने सवाल करते हुए कहा, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि राज्य के राजस्व मंत्री और मैं 20 दिसंबर को एक अनुरोध के साथ उनसे (शाह) मिले थे? क्या यह सच नहीं है कि उन्होंने मुझसे कहा था कि उन्होंने 23 दिसंबर को बैठक बुलाई है और वहां इस पर फैसला होगा? मैं इसे साबित करने के लिए तैयार हूं। ये सभी दस्तावेज उच्चतम न्यायालय में जमा कर दिए गए हैं। अमित शाह को इतना झूठ नहीं बोलना चाहिए।’’
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से वित्तीय सहायता जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी।