कोलंबो, कच्चातिवु द्वीप को 1974 में श्रीलंका को सौंपने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद मंगलवार को यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने इस द्वीप के मुद्दे पर अब तक चर्चा नहीं की है क्योंकि इसे कभी उठाया नहीं गया।
कैबिनेट प्रवक्ता और सूचना मंत्री बांदुला गुणावर्द्धने ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कैबिनेट ने इस पर चर्चा नहीं की क्योंकि यह कभी उठाया ही नहीं गया।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को एक खबर के हवाले से कहा था कि नई बात सामने आई है कि कांग्रेस पार्टी ने कच्चातिवु द्वीप ‘‘संवेदनहीन’’ ढंग से श्रीलंका को दे दिया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) पर हमला बोला था।
उन्होंने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर उदासीनता दिखायी और भारतीय मछुआरों के अधिकार छीन लिए।
इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि अच्छे संबंध कायम रखने और लाखों तमिलों की जान बचाने के लिए कच्चातिवु श्रीलंका को दिया गया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने आश्चर्य प्रकट किया कि प्रधानमंत्री ऐसे मुद्दे को अब क्यों उठा रहे हैं जिसे 1974 में सुलझा लिया गया था।