नयी दिल्ली, जूनियर विश्व कप विजेता कोच हरेंद्र सिंह भारतीय महिला हॉकी टीम का कोच बनने की दौड़ में आगे हैं और हॉकी इंडिया ने बताया कि पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने में नाकाम रही टीम का मनोबल बढाने के लिये वह सर्वश्रेष्ठ साबित हो सकते हैं ।
हरेंद्र पहले भी महिला हॉकी टीम के कोच रह चुके हैं लेकिन 2021 में अमेरिका की पुरूष टीम के कोच बने ।
हॉकी इंडिया में एक सूत्र ने बताया ,‘‘ यानेके शॉपमैन के बाद हरेंद्र उनकी जगह ले सकते हैं । हॉकी इंडिया उन्हें नियुक्त करना चाहता है । वह महिला और पुरूष दोनों टीमों के कोच रह चुके हैं और महिला टीम को आगे ले जाने के लिये सर्वश्रेष्ठ विकल्प हो सकते हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ उन्हें अमेरिका में मोटी तनख्वाह मिल रही है तो देखना यह है कि हम उतना दे सकेंगे या नहीं ।’’
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने बताया कि हरेंद्र इंटरव्यू दे चुके हैं लेकिन अभी नियुक्ति तय नहीं है क्योंकि और भी दावेदार हैं ।
उन्होंने कहा ,‘‘ हरेंद्र ने इंटरव्यू दिया है लेकिन अभी कुछ तय नहीं है । करीब 11 या 12 उम्मीदवार हैं और हर पहलू पर गौर करने के बाद ही फैसला लेंगे ।’’
खेल मंत्रालय के नियमों के अनुसार भारतीय कोचों को तीन लाख रूपये मासिक वेतन दिया जाता है लेकिन समझा जाता है कि अमेरिकी टीम के साथ मौजूदा पैकेज को देखते हुए हरेंद्र अधिक मांग रहे हैं ।
शॉपमैन ने भारत में विदेशी कोचों के लिये काम करना मुश्किल बताते हुए ओलंपिक क्वालीफायर हारने के बाद इस्तीफा दे दिया था ।
हरेंद्र के कोच रहते भारतीय जूनियर टीम ने 2016 में लखनऊ में विश्व कप जीता था । इसके बाद वह सितंबर 2017 में महिला सीनियर टीम के कोच बने और टीम ने 2017 एशिया कप में स्वर्ण जीता ।
वह मई 2018 में सीनियर पुरूष टीम के कोच बने जब शोर्ड मारिने महिला टीम के कोच बने थे । पुरूष टीम के खराब प्रदर्शन के बाद हरेंद्र को 2019 में हटा दिया गया था ।