जद(यू) ने बिहार के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की, दो मौजूदा सांसदों का टिकट कटा

पटना,  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जद (यू) (जनता दल-यूनाइटेड) ने गठबंधन के तहत अपने खाते में आईं राज्य की सभी 16 लोकसभा सीट के लिए रविवार को उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें पार्टी के समर्थक कहे जाने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग को प्राथमिकता दी गई है।

जद(यू) कार्यालय में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और संजय कुमार झा की उपस्थिति में सार्वजनिक की गई सूची के अनुसार, पार्टी के 12 मौजूदा सांसदों को इस बार भी टिकट दिया गया है।

हालांकि सीतामढ़ी से मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर विधान परिषद के अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि सीवान सीट पर वर्तमान सांसद कविता सिंह के स्थान पर विजय लक्ष्मी देवी को टिकट दिया गया है, जो एक दिन पहले अपने पति रमेश सिंह ठाकुर के साथ जद(यू) में शामिल हुई थीं।

झा ने कहा, “सभी उम्मीदवारों पर फैसला मुख्यमंत्री ने किया है, जो पार्टी अध्यक्ष भी हैं। हमने अपने अधिकांश मौजूदा सांसदों पर भरोसा जताया है, लेकिन कुछ जगहों पर बदलाव हुए हैं।”

इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के फॉर्मूले के अनुसार, जद (यू) को राज्य की 40 में से 16 सीटें दी गई हैं, जबकि पिछले चुनाव में उसे 17 सीट दी गई थीं, जिनमें से 16 पर उसने जीत हासिल की थी।

पार्टी मुस्लिम-बहुल किशनगंज निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगी, जहां उसे 2019 में हार मिली थी। पार्टी ने इस बार भी मुजाहिद आलम को टिकट दिया है, जो पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार से 35,000 से कम वोटों के अंतर से हार गए थे। इसके अलावा, पार्टी ने काराकाट की अपनी मौजूदा सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाह के नेतृत्व वाले सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा के लिए छोड़ दी है, हालांकि उसे शिवहर सीट मिली है, जो पहले भाजपा के पास थी। काराकाट से जदयू के महाबली सिंह सांसद हैं।

शिवहर से जदयू की उम्मीदवार लवली आनंद होंगी, जो माफिया डॉन से नेता बने आनंद मोहन की पत्नी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक चेतन आनंद की मां हैं।

संजय झा के अनुसार, उम्मीदवारों की सूची में “छह ओबीसी, पांच ईबीसी, एक महादलित, एक मुस्लिम और तीन उच्च जाति के लोग शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि दो महिलाएं भी हैं और इस बात का ध्यान रखा गया है कि समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिले।

पार्टी बिहार में छह आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में से केवल एक, गोपालगंज से चुनाव लड़ रही है, जहां मौजूदा सांसद आलोक सुमन को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है।

अन्य मौजूदा सांसद जो अपनी संबंधित सीटों से फिर से चुनाव लड़ेंगे, उनमें जदयू के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ (मुंगेर) और नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार शामिल हैं, जो इस सीट से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ेंगे। अतीत में इस सीट से खुद नीतीश कुमार और उनके गुरु माने जाने वाले दिवंगत जॉर्ज फर्नांडीस सांसद रह चुके हैं।

इसके अलावा, 2014 मोदी लहर के बावजूद पूर्णिया से सांसद चुने गए और 2019 में भी जीत हासिल करने वाले संतोष कुमार कुशवाहा इस बार भी इस सीट से उम्मीदवार बनाए गए हैं।

इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने का आसार हैं क्योंकि कांग्रेस ने राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव को टिकट देने का वादा किया है, जिन्होंने हाल ही में अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय किया है। राजद से संकेत मिल रहे हैं कि वह जद(यू) विधायक बीमा भारती को मैदान में उतार सकती है, जो शनिवार की रात राजद में शामिल हुई हैं।

जद(यू) के अन्य उम्मीदवारों में सुनील कुमार (वाल्मीकि नगर), रामप्रीत मंडल (झंझारपुर), दिलेश्वर कामैत (सुपौल), दुलाल चंद्र गोस्वामी (कटिहार), दिनेश चंद्र यादव (मधेपुरा), अजय कुमार मंडल (भागलपुर), गिरिधारी यादव (बांका) और चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी (जहानाबाद) शामिल हैं।