नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस बात का संज्ञान लिया कि अधिकारी अदालत के 20 अप्रैल, 2023 के उन निर्देशों का पालन करने में विफल रहे हैं, जिनमें उन्हें मजदूरों को राशन कार्ड प्रदान करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
इसने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत निर्धारित कोटा पर ध्यान दिए बिना राशन कार्ड जारी किए जाने चाहिए।
शीर्ष अदालत याचिकाकर्ताओं अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने एनएफएसए के तहत राशन के कोटे की परवाह किए बिना प्रवासी मजदूरों को राशन देने की मांग की थी।
इसने पूर्व में कहा था कि प्रवासी श्रमिक राष्ट्र के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके अधिकारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।