चेन्नई, 31 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने वर्ष 2026 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नववर्ष की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और अपनी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकर्ताओं से ‘द्रविड़ियन पोंगल’ आयोजित करने का आह्वान किया।
द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने नववर्ष और मध्य जनवरी में आने वाले पोंगल की पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दीं और कहा कि द्रमुक उस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ मजबूती से संघर्ष जारी रखे हुए है, जो “तमिलनाडु को धोखा दे रही है।”
स्टालिन ने बुधवार को पार्टी सदस्यों को लिखे पत्र में कहा, “पिछले पांच वर्षों का शासन हमारे अधिकारों के लिए संघर्ष का दौर रहा है। द्रमुक भारतीय लोकतंत्र की संरक्षक के रूप में खड़ी है। हमारे सहयोगी हमारे साथ हैं। एक हाथ में तलवार और दूसरे में ढाल लेकर हम अधिकारों के लिए रणभूमि में डटे हैं।”
स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए हिंदी थोपने के प्रयास और ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘वीबीजी जी राम जी’ किए जाने को लेकर आपत्ति जताई।
उन्होंने पत्र में कहा, “हम जनता के हितों की रक्षा करते हैं। हमें यह लड़ाई जीतनी है और लोगों के कल्याण की रक्षा का काम जारी रखना है। तमिलनाडु की जनता हमारा सहारा है। हम दुश्मनों की रणनीतियों को नष्ट करेंगे और लोकतंत्र के लिए काम करेंगे।”
स्टालिन ने पार्टी सदस्यों से नववर्ष के दिन से ही पोंगल उत्सव को सामाजिक न्याय के पर्व के रूप में मनाने की अपील की।
स्टालिन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि कार्यकर्ताओं से पोंगल को ‘समत्व पोंगल’ (समानता पोंगल) के रूप में मनाने का आह्वान किया करते थे और स्टालिन ने कार्यकर्ताओं से इसे ‘द्रविड़ियन पोंगल’ के रूप में मनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ‘द्रविड़ियन पोंगल’ उत्सव के तहत प्रत्येक गांव में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी चाहिए, जिनमें सभी तमिल भाग ले सकें और द्रविड़ियन मॉडल सरकार की उपलब्धियों को समझाया जा सके।
उन्होंने कहा, “नववर्ष 2026 आ रहा है। यही वह वर्ष है जब द्रविड़ियन मॉडल 2.0 सरकार स्थापित होगी। एक बार फिर अंग्रेजी नववर्ष की शुभकामनाएं।”
बाद में, मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “नववर्ष की शुरुआत से ही आइए हम नारे बुलंद करें—‘समानता फले-फूले, तमिलनाडु जीते’—और इस नए साल को ‘द्रविड़ियन मॉडल 2.0’ शासन की स्थापना की शुरुआत के रूप में मनाएं।”