लोकसभा चुनाव: दक्षिण कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद

बेंगलुरु,वोक्कालिगा समुदाय की बहुलता वाले कर्नाटक के पुराने मैसूरु क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।

पुराने मैसूरु क्षेत्र में दक्षिणी कर्नाटक के कई जिले शामिल हैं।

पिछले साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में जबरदस्त सफलता हासिल करने वाली सत्तारूढ़ कांग्रेस इलाके में अपने आधार को और मजबूत करना चाहेगी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पुराने मैसूरु क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जनता दल (सेक्युलर) के गढ़ में सेंध लगाई थी।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन राज्य में दोनों को केवल एक-एक सीट मिली थी थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल 28 लोकसभा सीट में से 25 सीट पर जीत हासिल की थी।

कांग्रेस और जद (एस) को पुराने मैसूरु क्षेत्र के क्रमशः बेंगलुरु ग्रामीण और हासन सीट पर जीत मिली थी, जबकि मांड्या सीट भाजपा समर्थित एक निर्दलीय के खाते में गई थी।

इस बार जद (एस) का भाजपा के साथ गठबंधन है।

सूत्रों के मुताबिक, जद (एस) को क्षेत्र में हासन, मांड्या और कोलार सीट आवंटित किए जाने की संभावना है।

पिछले साल मई में हुए विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद जद (एस) अब वापसी करना चाह रही है।

इस क्षेत्र में कांग्रेस और जद (एस) को पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। भाजपा भी इस क्षेत्र में अपने मत प्रतिशत में सुधार कर रही है।

भाजपा-जद(एस) गठबंधन के क्षेत्र में कांग्रेस का मुकाबला करने की उम्मीद है। यह गठबंधन वोक्कालिगा मतों को अपने पक्ष में करने और मोदी के करिश्मा के सहारे जीत हासिल करने के प्रयास में है।

वहीं, कांग्रेस अपने मजबूत स्थानीय नेतृत्व की मदद से और पांच गारंटी योजनाओं के जरिये अपनी संभावनाओं को आगे बढ़ाने और क्षेत्र में अपना प्रभुत्व जारी रखने की उम्मीद कर रही है।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा राज्य के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार इसी क्षेत्र से आते हैं। वहीं, जद (एस) प्रमुख एच डी देवेगौड़ा और उनके पुत्र तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी भी इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं।

एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, ‘‘भाजपा-जद(एस) गठबंधन के लिए स्थानीय नेताओं के बीच समन्वय और दोनों दलों के बीच मतों का हस्तांतरण महत्वपूर्ण होगा।’

कांग्रेस और भाजपा दोनों ने 2024 के चुनावों के लिए क्षेत्र की कुछ सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है।

कर्नाटक में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 26 अप्रैल और 7 मई को होगा।