नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) सरकार की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं के हित में महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। इस साल हेल्पलाइन के माध्यम से 45 करोड़ रुपये वसूले गए और 67,265 उपभोक्ता शिकायतों का निपटान किया गया।
जोधपुर के रमेश कुमार (नाम बदल दिया गया) ने इस साल की शुरुआत में ऑनलाइन कुर्सियां ऑर्डर की थीं। ये कुर्सियां खराब हालत में आईं। ई-कॉमर्स कंपनी ने पांच बार वापस लेने का समय दिया और हर बार उसे रद्द कर दिया। कुमार टूटे हुए फर्नीचर और घटती उम्मीदों के साथ रह गए। फिर उन्होंने 1915 डायल किया।
कुमार ने बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के हस्तक्षेप करने और कुछ दिनों के भीतर अपना पूरा रिफंड पाने के बाद लिखा, “मेरे जैसे ठगे गए उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए उपभोक्ता हेल्पलाइन, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।”
अप्रैल से दिसंबर 2025 के बीच 67,265 भारतीयों को इस सरकारी मंच के माध्यम से अपनी शिकायतों का समाधान मिला, जिससे कुल 45 करोड़ रुपये की वापसी हुई।
वर्ष 2025 के आंकड़े भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और उसके झंझटों की कहानी बताते हैं। ई-कॉमर्स मंच से लगभग 40,000 शिकायतें आईं और 32 करोड़ रुपये का रिफंड हुआ, जो कुल का दो-तिहाई से अधिक है। इसके बाद यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में 3.5 करोड़ रुपये का रिफंड हुआ।
बेंगलुरु में एक उपभोक्ता ने वार्षिक इंटरनेट प्लान के लिए भुगतान किया। पैसे खाते से चले गए, लेकिन इंटरनेट कनेक्शन कभी नहीं मिला। ग्राहक सेवा ने 10 कार्य दिवसों में धन वापसी का वादा किया, लेकिन चार महीने बीत गए। बार-बार कॉल करने पर केवल तैयार किए गए जवाब और माफी मिली। एनसीएच ने हस्तक्षेप किया और तुरंत रिफंड मिल गया।
चेन्नई में एक उपभोक्ता ने फ्लाइट टिकट 96 घंटे पहले रद्द किया, लेकिन एयरलाइन ने रिफंड देने से इनकार किया। एनसीएचकी मदद से उन्हें रिफंड मिल गया।