नयी दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 22 मार्च को छात्र संघ चुनाव होंगे जिसके मद्देनजर आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू की गई है। इसमें चुनाव प्रचार के नियम-कायदों का उल्लेख है।
आचार संहिता के तहत, प्रचार के दौरान भड़काऊ टिप्पणी करने, समुदाय, जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं को लुभाने या गलत सूचना फैलाने पर रोक होगी।
आचार संहिता बृहस्पतिवार रात से प्रभावी हुआ। इसे चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले 10 मार्च से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के परिसर में प्रभावी आंशिक आचार संहिता की निरंतरता में लागू किया गया है।
चुनाव कार्यक्रम के तहत मतों की गिनती 24 मार्च को होगी, जिसके बाद परिणाम घोषित किया जाएगा।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव समिति द्वारा जारी नियमों में कहा गया, ‘‘सभी उम्मीदवारों को उन गतिविधियों में शामिल होने से प्रतिबंधित किया जाएगा जिन्हें भ्रष्ट आचरण माना जाता है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, फर्जी मतदाता बनाना, दुष्प्रचार, या मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना।’’
नियमों के मुताबिक कोई भी संगठन प्रति उम्मीदवार अधिकतम पांच हजार रुपये की राशि ही व्यय कर सकता है।
कोविड-19 महामारी के कारण चार साल के अंतराल के बाद जेएनयूएसयू का चुनाव हो रहा है। आखिरी बार 2019 में विश्वविद्यालय के छात्रसंघ का चुनाव कराया गया था।