सिद्धार्थनगर (उप्र) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘डबल इंजन’ की सरकार के लगातार प्रयासों से सिद्धार्थनगर जनपद के पिछड़ेपन का दंश मिट गया है तथा अब तक आकांक्षात्मक जनपद की श्रेणी में आने वाला यह जिला अब विकसित जनपद के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प से जुड़ चुका है और यह संकल्पना ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ से ही साकार होगी लेकिन विकसित उत्तर प्रदेश तभी होगा, जब सिद्धार्थ नगर विकसित होगा और इसके लिए भाजपा का होना बहुत जरूरी है।
एक बयान के मुताबिक जनपद मुख्यालय पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज के शिलान्यास सहित 1885 करोड़ रुपये की 551 विकास परियोजनाओं की शुरुआत की।
जनपद के पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जिला दशकों से इसलिए पिछड़ा रहा, क्योंकि न यहां जीवन जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं थीं, न ही रोजगार के अवसर। उन्होंने दावा किया कि माफिया गरीबों का हक मार जाते थे और सरकारी योजनाओं का लाभ जनता को मिलता ही नहीं था।
अपने निजी अनुभव साझा करते हुए उन्होंने इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की मौत की चर्चा भी की और कहा कि पिछली सरकारों ने कभी इन विषयों पर ध्यान नहीं दिया, जबकि आज ‘डबल इंजन’ की सरकार ने माफिया और मच्छर दोनों को ही समाप्त कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर में शिक्षा और स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा सुलभ होने का दावा करते हुए कहा कि गरीबों को आवास मिल रहा है, पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा मिला है और पांच वर्ष तक मुफ्त राशन की व्यवस्था हुई है। उन्होंने ‘डबल इंजन’ सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं की चर्चा करते हुए इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को दिया।
जनसभा में उन्होंने जनता से पूछा कि क्या मुफ्त राशन, आवास और स्वास्थ्य बीमा कांग्रेस, सपा और बसपा की सरकारें दे सकती थीं, क्या राम मंदिर निर्माण पिछली सरकारों के दौर में संभव था, जनता की ओर से एक स्वर में “नहीं” की आवाज आई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत 11वें नंबर पर था लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयासों से आज भारत दुनिया का पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।