चंडीगढ़, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बृहस्पतिवार को कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर में हर परिवार को 20,000 लीटर पानी मुफ्त देने के फैसले के संबंध में अनुमति नहीं मांगी है और उसने यह भी नहीं बताया कि वह इसके लिए संसाधन कैसे जुटायेगा।
इस निर्णय की व्यवहार्यता पर प्रश्न खड़ा करते हुए पुरोहित ने कहा कि क्या यह ‘जंगल राज’ नहीं है। उन्होंने कहा कि एक व्यवस्था है जिसका सभी को पालन करना होता है।
राज्यपाल ने महापौर कुलदीप कुमार के इस आरोप का भी खंडन किया कि चंडीगढ़ के प्रशासक (पुरोहित) ने हाल में एक कार्यक्रम में उनका (कुमार का) अपमान किया था।
नगर निगम की आम सभा ने हाल में चंडीगढ़ के हर परिवार को 20,000 लीटर पानी मुफ्त देने के एजेंडा को अपनी मंजूरी दी।
आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार ने हाल में महापौर का पदभार संभाला था। उससे पहले उच्चतम न्यायालय ने महापौर चुनाव के परिणाम को पलट दिया था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजयी होकर उभरे थे।
शीर्ष अदालत का फैसला जनवरी में महापौर चुनाव में गड़बड़ी होने के आरोप के बाद आया था।
पुरोहित ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यदि वे 20,000 लीटर मुफ्त पानी देना चाहते हैं तो उन्हें कागजात तैयार करना होगा और उन्हें संसाधन के बारे में सफाई देनी होगी, यह बताना होगा कि इस पर कितनी रकम खर्च होगी। लेकिन उन्होंने कोई गणना नहीं की। नगर निगम आयुक्त के पास कुछ नहीं है। कोई अनुमति नहीं मांगी गयी।’’
राज्यपाल ने कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम का व्यय करीब 1150 से 1200 करोड़ रुपये है तथा राजस्व वसूली 500 करोड़ रुपये की है।
उन्होंने कहा, ‘‘करीब 600-700 करोड़ रुपये का घाटा है। वे केंद्रशासित प्रदेश से पैसा मांगते हैं। हम केंद्र से पैसे मांगते हैं। हमें चीजों (व्यय) का औचित्य बताना पड़ता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्रशासित प्रदेश से 560 करोड़ रुपये दे रहे हैं। यदि हम यह अनुदान नहीं दें तो वे कर्मचारियों को भुगतान भी नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा कि जलापूर्ति से 107 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली होती है और करीब 150 से 175 करोड़ रुपये का घाटा होता है।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘और वे यह मुफ्त देने की बात कर रहे हैं। उनके पास पैसे हैं नहीं, लेकिन वे मनमानापूर्ण घोषणा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि उन्हें करना ही है तो पहले उन्हें औचित्य बताना होगा और यह भी ब्योरा देना हागा कि वे कैसे ऐसा करने की सोच रहे हैं। वे हमसे अनुमति नहीं लेते हैं और अपनी ओर से घोषणा कर देते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे यह स्पष्ट करते हैं कि वे कैसे संसाधन जुटायेंगे और यदि मैं संतुष्ट हो गया तो मैं हरी झंडी दे दूंगा।’’
पुरोहित ने कहा, ‘‘यह चंडीगढ़ के लोगों के साथ छल है। क्या वे चंडीगढ़ की प्रगति रोकना चाहते हैं? चंडीगढ़ के लोगों की ओर से मुफ्त पानी की मांग कहां है। वे मनमानापूर्ण घोषणा करते हैं।’’
राज्यपाल ने कहा कि आम चुनाव के मद्देनजर लोंगों से छल करने तथा ‘प्रशासक को बदनाम करने’ की आप की योजना का यह हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव की व्यवहार्यता के बारे में सवाल करने का मतलब यह नहीं है कि वह इसे मंजूरी नहीं देना चाहते हैं।