नयी दिल्ली, साइबर हमले और डेटा में सेंध भारत में कंपनियों के लिए सबसे प्रमुख व्यावसायिक जोखिम हैं।
वैश्विक जोखिम प्रबंधन सर्वेक्षण-2023 के अनुसार, 2021 के व्यावसायिक जोखिम सर्वेक्षण में साइबर हमलों और डेटा सेंध को सातवें स्थान पर रखा गया था।
वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एऑन ने सबसे अधिक दबाव वाली व्यावसायिक चुनौतियों की पहचान करने के लिए 61 देशों और क्षेत्रों के लगभग 3,000 जोखिम प्रबंधकों, सी-सूट अगुवाओं, वित्तीय अधिकारियों, प्रतिभा पेशेवरों और अन्य अधिकारियों से आंकड़े एकत्र किए।
द्विवार्षिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), आधार और डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क जैसे डिजिटल बुनियादी ढांचे को व्यापक रूप से अपनाने से प्रौद्योगिकी पर भारत की निर्भरता बढ़ने की संभावना है।
सर्वेक्षण कहता है, “डिजिटलीकरण बढ़ने के साथ साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। ऐसे उल्लंघनों से जुड़ी लागत और जटिलताएं, संगठनों को साइबर जोखिमों के बेहतर प्रबंधन के लिए मजबूर कर रही हैं।”
व्यापार में रुकावट और शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने या बनाए रखने में विफलता को भारत में संगठनों के सामने आने वाले क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे बड़े जोखिम के रूप में चिह्नित किया गया था।
एऑन के भारत में प्रतिभा समाधान खंड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नितिन सेठी ने कहा, “एकीकृत जोखिमों को समझने और प्रबंधित करने के लिए भारतीय व्यवसायों को उन्नत डेटा एनालिटिक्स और विशेषज्ञों का लाभ उठाने की अनिवार्य आवश्यकता है।”