नयी दिल्ली, एक्सिस बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में शेयरों की खरीद एवं बिक्री के जरिये अनुचित लाभ कमाने के कथित धोखाधड़ी मामले में जांच का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका का दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को विरोध किया।
भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने एक जनहित याचिका दायर कर इस मामले की जांच का आदेश देने की अपील की है।
एक्सिस बैंक और मैक्स लाइफ के वकीलों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ से कहा कि पूर्व भाजपा सांसद स्वामी की याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है क्योंकि यह मामला दो निजी कंपनियों के बीच वाणिज्यिक लेनदेन से जुड़ा हुआ है।
स्वामी ने अपनी याचिका में इस मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के लिए अदालत से निर्देश देने की अपील करते हुए कहा है कि निजी क्षेत्र के बैंकों में ‘गड़बड़ियों’ को सामने लाया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया है कि एक्सिस बैंक ने गैर-पारदर्शी तरीके से और लागू नियमों का उल्लंघन करते हुए मैक्स लाइफ के इक्विटी शेयरों की बिक्री और खरीद से कुल 4,000 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ कमाया है।
एक्सिस बैंक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिका उन व्यक्तियों की ‘श्रेणी’ का जिक्र नहीं करती है जिनके फायदे के लिए इसे दायर किया गया है, जबकि अगर कोई पीड़ित शेयरधारक है तो वह अदालत की शरण ले सकता है।
मैक्स कंपनियों के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि यह लेनदेन पूरी तरह से वाणिज्यिक व्यवस्था थी और बीमा नियामक इस पर गौर कर चुका है।
बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा के वकील ने कहा कि संबंधित लेनदेन के संबंध में उसके द्वारा पहले ही ‘संभावित जुर्माना’ लगाया जा चुका है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने कहा कि इस मुद्दे को ‘बड़े पैमाने पर देखने की जरूरत है।’
पीठ ने मामले को तीन अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।